कम्बल ही सर्वस्व था
प्राचीन समय की बात है| एक फकीर के पास एक कम्बल था| एक चोर ने फकीर का वह कम्बल चुरा लिया| फकीर इस चोरी से दुखी होकर पास के थाने में गया| वहाँ उसने थानेदार को चोरी की गई वस्तुओं की एक लंबी सूची लिखवा दी| रपट में उसने लिखाया- “उसकी रजाई, मसनद, छतरी, गद्दा, कोट, पाजमा और अनेक वस्तुएँ खो गई हैं|”