Chapter 7
“Sanjaya said, ‘Hearing these words of the (Kuru) king, the valiantmonarch (Shalya), O king, said these words unto Duryodhana in reply, “Omighty-armed Duryodhana, listen to me, O foremost of eloquent men.
“Sanjaya said, ‘Hearing these words of the (Kuru) king, the valiantmonarch (Shalya), O king, said these words unto Duryodhana in reply, “Omighty-armed Duryodhana, listen to me, O foremost of eloquent men.
एक शहर में चार साधु आये| एक साधु शहर के चौराहे में जाकर बैठ गया, एक घण्टाघर में जाकर बैठ गया, एक कचहरी में जाकर बैठ गया और एक श्मशान में जाकर बैठ गया|
“Yudhishthira said, ‘What acts should be done by a king, and what arethose acts by doing which a king may become happy? Tell me this indetail, O thou that art the foremost of all persons acquainted withduties.’
“Yudhishthira said, ‘I have heard, O sire, of the merits of the differentkinds of gift upon which thou hast discoursed to me.
1 [य]
सूक्ष्मं साधु समादिष्टं भवता धर्मलक्षणम
परतिभा तव अस्ति मे का चित तां बरूयाम अनुमानतः
1 [स]
पीडिते धर्मराजे तु मद्रराजेन मारिष
सात्यकिर भीमसेनश च माद्रीपुत्रौ च पाण्डवौ
परिवार्य रथैः शल्यां पीडयाम आसुर आहवे
1 [य]
राजन किं करवामस ते परशाध्य अस्मांस तवम ईश्वरः
नित्यं हि सथातुम इच्छामस तव भारत शासने
शीतपित्त को साधारण भाषा में पित्ती उछलना कहते हैं| इसमें रोगी के शरीर में खुजली मचती रहती है, दर्द होता है तथा व्याकुलता बढ़ जाती है| कभी-कभी ठंडी हवा लगने या दूषित वातावरण में जाने के कारण भी यह रोग हो जाता है|