Home2011November (Page 2)

किसी वन में भासुरक नाम का एक सिंह प्रतिदिन अनेक जीवों को मारा करता था| एक दिन जंगल के सभी जीव मिलकर उसके पास पहुँचे और उससे निवेदन किया- “वनराज! प्रतिदिन अनेक प्राणियों को मारने से क्या लाभ? आपका आहार तो एक जीव से पूर्ण हो जाता है, इसलिए क्यों न हम परस्पर कोई ऐसी प्रतिज्ञा कर लें कि आपको यहाँ बैठे-बैठे ही आपका भोजन मिल जाए|

बहुत समय पहले एक ब्राह्मण रहता था| वह भीख मांगकर गुजर-बसर करता था| कभी-कभी तो उसे कई दिन भूखा रहना पड़ता| कभी मुश्किल से एक समय का खाना जुटा पाता| मगर एक दिन उसकी किस्मत चमकी| कहीं से उसे एक हंडी भर आटा मिल गया| इतना आटा पाकर ब्राह्मण खुशी से फूला न समाया| वह हंडी लेकर घर पहुंचा और उसे अपने बिस्तर के पास लटकाकर आराम से लेट गया|