Chapter 145
“Bhishma said, ‘Hearing those piteous lamentations of the pigeon on thetree, the she-pigeon seized by the fowler began to say to herself asfollows.’
“Bhishma said, ‘Hearing those piteous lamentations of the pigeon on thetree, the she-pigeon seized by the fowler began to say to herself asfollows.’
एक चोर अक्सर एक साधु के पास आता और उससे ईश्वर से साक्षात्कार का उपाय पूछा करता था। लेकिन साधु टाल देता था। वह बार-बार यही कहता कि वह इसके बारे में फिर कभी बताएगा। लेकिन चोर पर इसका असर नहीं पड़ता था। वह रोज पहुंच जाता। एक दिन चोर का आग्रह बहुत बढ़ गया। वह जमकर बैठ गया। उसने कहा कि वह बगैर उपाय जाने वहां से जाएगा ही नहीं। साधु ने चोर को दूसरे दिन सुबह आने को कहा। चोर ठीक समय पर आ गया।
“Sanjaya said.. ‘Hearing of the slaughter of his sire by Dhrishtadyumna,of sinful deeds, Drona’s son was filled with grief and rage, O bull amongmen.
किसी गाँव में दीनू नाम का एक लोहार अपने परिवार के साथ रहता था| उसका एक पुत्र था, जिसका नाम शामू था| जैसे-जैसे शामू बड़ा होता जा रहा था, उसके दिल में अपने पुश्तैनी धंधे के प्रति नफ़रत बढ़ती जा रही थी| शामू के व्यक्तित्व की एक विशेषता यह थी कि उसके माथे पर गहरे घाव का निशान था, जो दूर से ही दिखाई देता था|
“Uttara said, ‘Firm as I am in the use of the bow, I would set out thisvery day in the track of the kine if only some one skilled in themanagement of horses becomes my charioteer.
भारतेंदु हरिश्चन्द्र आधुनिक हिंदी निर्माताओं में गिने जाते हैं| उनका संबंध बनारस के एक समृद्ध परिवार से था|
“Vaisampayana said,–On the last day of the sacrifice when the king wasto be sprinkled over with the sacred water, the great Brahmana Rishisever deserving of respectful treatment, along with the invited kings,entered together the inner enclosure of the sacrificial compound.
एक बार कुछ मुनि मिलकर विचार करने लगे कि किस समय में थोड़ा सा पुष्प भी महान् फल देता है और उसका सुखपूर्वक अनुष्ठान कर सकते हैं? वे जब कोई निर्णय नहीं कर सके, तब निर्णय के लिये व्यास जी के पास पहुँचे| व्यास जी उस समय गंगा जी में स्नान कर रहे थे|