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माँ! पहले विवाह मैं करूँगा| एकदन्त के सहसा ऐसे वचन सुनकर पहले तो शिवा हँसीं और अपने प्रिय पुत्र विनायक से स्नेहयुक्त स्वर में बोलीं-‘हाँ, हाँ! विवाह तो तेरा भी होगा ही, पर स्कन्द तुझसे बड़ा है| पहले उसका विवाह होगा|’

सागर के किनारे से थोड़ी दूर पर एक बड़ा वृक्ष था, जिस पर एक बन्दर रहता था| उस सागर में रहने वाला एक बड़ा मगरमच्छ एक दिन उस वृक्ष के नीचे ठंडी-ठंडी हवा का आनन्द ले रहा था|