Home2011October (Page 17)

अहमद शाह अब्दाली से महादजी सिंधिया का युद्ध चल रहा था। दोनों ओर के सैनिक वीरतापूर्वक लड़ रहे थे। लड़ते-लड़ते एक अवसर ऐसा आया कि सिंधिया बुरी तरह से घायल हो गए। उनके शरीर के प्रत्येक अंग से रक्त बह रहा था और वे लगभग अचेत अवस्था में आ गए। ऐसी स्थिति में राणो नामक भिश्ती उन्हें अपने बैल पर लादकर युद्ध मैदान से दूर एक जंगल में ले गया।

श्री भागवत पूरण के दशम स्कंद के उत्तरार्ध के ५८ मे अध्याय के १७ से २३ श्लोक तक यमुना जी ने जहा श्री कृष्ण प्राप्ति को तप किया वह जगह यमुना किनारे पर स्धित है जो कभी भी प्रकाशित और प्रचारित नही हुई वो जहाँ श्री यमुना जी ने तप किया वह जगह वर्तमान मे यमुना किनारे मथुरा विश्राम घाट  से कुछ दूरी पर स्तिथ हैं| जो श्री यमुना तपोभूमि के नाम से स्थापित है| इसकी आरती इस प्रकार है|