अध्याय 12
1 [रु]
कथं हिंसितवान सर्पान कषत्रियॊ जनमेजयः
सर्पा वा हिंसितास तात किमर्थं दविजसत्तम
“Yudhishthira said, ‘When practices fraught with high morality andbeneficial to the world, (viz., those that appertain to righteous rule)disappear, when all the means and resources for the support of life fallinto the hands of robbers, when, indeed, such a calamitous time sets in,by what means should a Brahmana, O grandsire, who from affection isunable to desert his sons and grandsons, subsist?’
नो बेल पुरस्कार प्राप्त सर सीवी रमन भौतिक विज्ञान के प्रख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हें अपने विभाग के लिए एक योग्य वैज्ञानिक की आवश्यकता थी। उन्होंने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया, जिसे पढ़कर उनके पास कई आवेदन आए। सर सीवी रमन ने उनमें से कुछ का चयन किया और उन्हें साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत किया जाता है|यह स्त्रियों का मुख्य त्यौहार है| सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं|
1 अर्जुन उवाच
एवं सततयुक्ता ये भक्तास तवां पर्युपासते
ये चाप्य अक्षरम अव्यक्तं तेषां के यॊगवित्तमाः
“Arjuna said, ‘How, O Janardana, for our good, and by what means, werethose lords of the earth, viz., Jarasandha and the others, slain?’
1 [स]
तेषाम अनीकानि बृहद धवजानि; रणे समृद्धानि समागतानि
गर्जन्ति भेरी निनदॊन्मुखानि; मेघैर यथा मेघगणास तपान्ते
“Bhima said, ‘I will, O timid one, do even as thou sayest. I willpresently slay Kichaka with all his friends.
हस्तिनापुर की रानी व उसकी सखियाँ तालाब में नित्य स्नान किया करती थी| एक दासी जो प्रतिदिन उनके कपड़ों और आभूषणों की निगरानी करती थी, इस उबाऊ काम से काफ़ी परेशान थी|