Chapter 56
“Vaisampayana said, ‘And the ranks of those fierce bowmen, the Kurus,looked like masses of clouds in the rainy season drifting before a gentlewind.
“Vaisampayana said, ‘And the ranks of those fierce bowmen, the Kurus,looked like masses of clouds in the rainy season drifting before a gentlewind.
सुकरात को जहर दिए जाने के एक दिन पहले उनके मित्र व शिष्य उनसे मिलने पहुंचे। उनके शिष्य क्रेटो ने कहा कि हम आपको यहां से भगाने आए हैं। पर सुकरात किसी कीमत पर भी भागने को तैयार नहीं हुए।
प्राचीन काल में हरिकेश नाम से विख्यात एक सौन्दर्यशाली यक्ष हुआ था, जो पूर्णभद्र का पुत्र था| हरिकेश महाप्रतापी, ब्राह्मण भक्त एवं धर्मात्मा था| जन्म से ही उसकी शंकरजी में प्रगाढ़ भक्ति थी|
अनार खट्टा भी होता है और मीठा भी| खट्टे अनार के छिलके का अर्क चूसने से खांसी चली जाती है जबकि मीठे अनार को खाने से खून बढ़ता है| इसका छिलका दस्त, ऐंठन, संग्रहणी, कांच निकलना, बवासीर आदि रोगों को दूर करता है|
“Sakuni said,–O thou foremost of victorious persons, I will snatch (forthee) this prosperity of Yudhishthira, the son of Pandu, at the sight ofwhich thou grievest so.
1 [स]
युयुत्सुं तव पुत्रं तु पराद्रवन्तं महद बलम
उलूकॊ ऽभयपतत तूर्णं तिष्ठ तिष्ठेति चाब्रवीत
“Dhritarashtra said, ‘When the two armies, duly arrayed, thus mingledwith each other for battle, O Sanjaya, how did Partha assail thesamsaptakas, and how Karna assail the Pandavas?
दो मित्र थे, एक का नाम था अशोक और दूसरे का नाम पुनीत| एक दिन अशोक ने पुनीत को अपने घर खाना खाने बुलाया| उसने तरह-तरह की बढिया चीजें बनवाईं| पूड़ी-कचौड़ी, खीर आदि-आदि| जब दोनों खाना खा चुके तो अशोक ने पूछा – “पुनीत, खाना कैसा लगा?”