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जठराग्नि के मन्द पड़ जाने को अग्निमांद्य कहते हैं| इस रोग में आमाशय (मेदा) तथा आंतों के पचाने की शक्ति कम हो जाती है जिसके कारण खाया-पिया भोजन पिण्ड की तरह पेट में रखा रहता है|

बसंतपुर में बढ़इयों का एक मुहल्ला था| बढ़ई रोज नावों से नदी पार करके जंगल में जाते और अपने काम के लिए लकड़ी काटकर लाते थे| उसी गाँव में दो मित्र मोहन और रामू रहा करते थे| गाँव से जंगल और जंगल से गाँव आना-जाना उनका नियम था| काम की कमी न थी|

काली जी का जन्म राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था| कलि माता जी को माता जगदम्बे, अदि शक्ति का रूप माना जाता है और इनकी आराधना से सभी दुःख दूर हो जाते है| काली माता जी को बल और शक्ति की देवी माना जाता है|