Chapter 1
OM! AFTER HAVING bowed down to Narayana, and Nara, the foremost of men,and unto the goddess Saraswati also, must the word Jaya be uttered.
OM! AFTER HAVING bowed down to Narayana, and Nara, the foremost of men,and unto the goddess Saraswati also, must the word Jaya be uttered.
“Sauti said, ‘O ascetic, about this time the two sisters saw approachingnear, that steed of complacent appearance named Uchchaihsravas who wasworshipped by the gods, that gem of steeds, who arose at the churning ofthe Ocean for nectar. Divine, graceful, perpetually young, creation’smaster-piece, and of irresistible vigour, it was blest with everyauspicious mark.’
युधिष्ठिर के राज्य में चारों ओर सुख, शान्ति और समृद्धि थी| कुछ वर्षों पश्चात राज्य के प्रमुख सदस्यों ने उन्हें राजसूय यज्ञ संपन्न करने का आग्रह किया|
खून की खराबी अर्थात् रक्त विकार एक घातक रोग है| यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो कष्टदायी चर्म रोग घेर लेते हैं| इनसे व्यक्ति के मन में हीन भावना उत्पन्न हो जाती है|
पूर्व समय की बात है, संपूर्ण देवता और तपोधन ऋषिगण जब कार्य आरंभ करते तो उसमें उन्हें निश्चय ही सिद्धि प्राप्त हो जाती थी| कालांतर में ऐसी स्थिति आ गई कि अच्छे मार्ग पर चलने वाले लोग विघ्न का सामना करते हुए किसी प्रकार कार्य में सफलता पाने लगे और निकृष्ट कार्यशील व्यक्ति की कार्य-सिद्धि में कोई विघ्न नही आता था|
“Dhritarashtra said, ‘Thou hast, O son, mentioned the names of those ofmy side that have been slain in battle by the Pandavas. Tell me now, OSanjaya, the names of those amongst the Pandavas that have been slain bythe people of my side!’
श्याम बाबा जी का वर्णन महाभारत काल मे किया गया है| ऐसा माना जाता है कि श्याम बाबा जी की सच्चे मन से अराधना करने से सभी कार्यों मे सफलता मिलती है तथा सर्व मनो कामनाएं पूर्ण होती हैं| इनकी उपासना को बहुत पवित्र और स्वच्छ माना गया है| श्याम जी की आरती का बहुत महत्व है|
1 [बर]
के चिद बरह्ममयं वृक्षं के चिद बरह्ममयं महत
के चित पुरुषम अव्यक्तं के चित परम अनामयम
मन्यन्ते सर्वम अप्य एतद अव्यक्तप्रभवाव्ययम