Chapter 295
“Markandeya said, The powerful Satyavan then, accompanied by his wife,plucked fruits and filled his wallet with them. And he then began to fellbranches of trees.
“Markandeya said, The powerful Satyavan then, accompanied by his wife,plucked fruits and filled his wallet with them. And he then began to fellbranches of trees.
एक बार यूनान का राजदूत भारत आया। उसने मौर्य साम्राज्य के महामंत्री चाणक्य की प्रशंसा प्रत्येक व्यक्ति के मुख से सुनी। वह चाणक्य से मिलने के लिए उत्सुक हो उठा। राजदूत चाणक्य से मिलने उनके निवास स्थान गंगा के किनारे चल दिया।
“Manu said, ‘From that eternal and undeteriorating One first sprangSpace; from space came Wind; from wind came Light; from light came Water;from water sprang the Universe; and from the universe, all things thatoccur in it.
Vaishampayana said: “The Kuru prince beheld the heroic and high-souledAnakadundubhi lying on the ground and burning with grief on account ofhis sons. The broad-chested and mighty-armed son of Pritha, moreafflicted than his uncle, with eyes bathed in tears, touched his unclesfeet, O Bharata.
शुद्ध दूध / Milk पूरी तरह से कैल्शियम और महत्वपूर्ण मिनरल्स से भरा हुआ होता है। दूध हमारे आहार का अहम हिस्सा है। यह मानव का पहला आहार होता है। दूध में सारे पौष्टिक तत्व उपस्थित होते हैं जो एक स्वस्थ शरीर में होने चाहिए। अक्सर लोग दूध को लेकर भ्रमित रहते हैं कि दूध पीने से वो मोटे हो सकते हैं लेकिन यहां आपको बता दें कि दूध से मोटापा नहीं बढ़ता है बल्कि शरीर को शक्ति मिलती है।
“Sauti continued, ‘Ruru then asked, ‘O best of Dwijas, why was kingJanamejaya bent upon destroying the serpents?–And why and how were theysaved by the wise Astika? I am anxious to hear all this in detail.’
मत्स्यराज विराट एक उदार, स्नेहशील राजा थे| विराट की पत्नी सुदेष्णा का भाई कीचक उनका सेनापति था| वह बहुत ही शक्तिशाली और क्रूर था| इसलिए विराट पर आक्रमण करने का साहस कोई नहीं करता था|
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निहत्यालायुधं रक्षः परहृष्टात्मा घटॊत्कचः
ननाद विविधान नादान वाहिन्याः परमुखे सथितः