युवक और मृत स्त्री की कहानी
‘जहाँपनाह! मरने वाली औरत मेरी पत्नी और इन वृद्धजन की बेटी थी| यह मेरे चाचा है| ग्यारह वर्ष पूर्व मेरा विवाह हुआ था| हमारे तीन बेटे थे जो जीवित है| मेरी पत्नी अत्यंत सुशील और पतिव्रता थी| वह हर प्रकार से मेरा ख्याल रखती थी और मैं भी उससे बहुत प्रेम करता था| करीब एक महीने पहले वह बीमार पड़ गई| दो-चार दिन की दवा से वह अच्छी तो हो गई और उस दिन उसने स्नान भी किया|