राम हि राम बस राम हि राम
राम हि राम बस राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम।
राम हि राम बस …
1 [य]
राजवृत्तान्य अनेकानि तवया परॊक्तानि भारत
पूर्वैः पूर्वनियुक्तानि राजधर्मार्थवेदिभिः
“Vyasa said, ‘The Jiva-soul is endued with all those entities that aremodifications of Prakriti. These do not know the Soul but the Soul knowsthem all.
1 [भ]
कषत्रधर्मम अनुप्राप्तः समरन्न एव स वीर्यवान
तयक्त्वा च कीटतां राजंश चचार विपुलं तपः
एक व्यापारी को नींद न आने की बीमारी थी। उसका नौकर मालिक की बीमारी से दुखी रहता था। एक दिन व्यापारी अपने नौकर को सारी संपत्ति देकर चल बसा।
Sanjaya said, “Beholding his own troops slain, king Duryodhana thenexcited with wrath, rushed towards Bhimasena, that chastiser of foes.
Janamejaya said, ‘Though this one is but a boy, he speaks yet like a wiseold man. He is not a boy but one wise and old. I think, I desire tobestow on him a boon. Therefore, ye Brahmanas, give me the necessarypermission.’