Chapter 218
“Markandeya continued, ‘Vrishaspati had a wife (called Tara) belonging tothe lunar world. By her, he had six sons partaking of the energy of fire,and one daughter.
“Markandeya continued, ‘Vrishaspati had a wife (called Tara) belonging tothe lunar world. By her, he had six sons partaking of the energy of fire,and one daughter.
उपनायक जब राजा के पास दरबार में पंहुचा तो राजा हरिश्चन्द्र दरबार लगाये बैठे थे| उपनायक ने वंहा पहुंचकर फरियाद की, “महाराज की जय हो| महाराज! एक भयानक सूअर राजकीय उपवन में घुस आया है और भारीउत्पात मचा रहा है| सशस्त्र रक्षक भी उस सूअर से बाग की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं|
प्रसिद्ध विद्वान वाचस्पति मिश्र का विवाह कम आयु में ही हो गया था। जब वह विद्या अर्जित करके घर लौटे तो उन्होंने अपनी मां से वेदांत दर्शन पर ग्रंथ लिखने की आज्ञा मांगी। उन्होंने कहा कि जब तक उनका ग्रंथ पूरा न हो, तब तक उनका ध्यान भंग न किया जाए।
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
इसकी प्रकृति शीतल है| हरी पत्तियों को शाक होने के कारण यह पाचकाग्नि को सक्रिय करने एवं रुचि पैदा करने के लिए उपयोग में लाया जाता है| यह बलवर्धक है, किन्तु पचता देर से है| तिल्ली का विकार दूर करने में यह अद्वितीय है|
1 [य]
किं सविद दत्तं पितृभ्यॊ वै भवत्य अक्षयम ईश्वर
किं हविश चिररात्राय किम आनन्त्याय कल्पते
1 [मार्क]
बरह्मणॊ यस तृतीयस तु पुत्रः कुरुकुलॊद्वह
तस्यापव सुता भार्या परजास तस्यापि मे शृणु
एक बार एक गधे और लोमड़ी में मित्रता हो गयी| वे बराबर साथ देखे जाते| गधे उसे कभी चूजे दिखा देता और लोमड़ी उसे हरा-भरा खेत दिखाती| एक दिन उन्होंने एक शेर को देख लिया| गधे ने पहले देखा और भय से कांपने लगा| लोमड़ी ने उसे सुरक्षा का आश्वासन दिया|