Home2011May (Page 22)

एक बार गुजरात की एक रियासत की राजमाता मीलण देवी ने भगवान सोमनाथ जी का विधिवत् अभिषेक किया। उन्होंने सोने का तुलादान कर उसे सोमनाथ जी को अर्पित कर दिया।

तुलसी देखत अनुभवत सुनत न समुझत नीच|
चपरि चपेटे देत नित केस गहें कर मीच||

प्रतापगढ़ का राजा मंगलसेन शूरवीर और पराक्रमी था | उसका साम्राज्य दूर-दूर तक फैला था | वह प्रतिदिन शाम को एक अदालत लगाता था, जिसमें जनता की समस्याओं को सुनता था | उसका सदैव यही प्रयास रहता था कि उसके राज्य में सभी सुखी हों | वह उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करता था |