असीमित पुण्य
एक बार गुजरात की एक रियासत की राजमाता मीलण देवी ने भगवान सोमनाथ जी का विधिवत् अभिषेक किया। उन्होंने सोने का तुलादान कर उसे सोमनाथ जी को अर्पित कर दिया।
एक बार गुजरात की एक रियासत की राजमाता मीलण देवी ने भगवान सोमनाथ जी का विधिवत् अभिषेक किया। उन्होंने सोने का तुलादान कर उसे सोमनाथ जी को अर्पित कर दिया।
तुलसी देखत अनुभवत सुनत न समुझत नीच|
चपरि चपेटे देत नित केस गहें कर मीच||
प्रभुजी थे कहां गया नेहड़ो लगाय।
छोड़ गया बिस्वास संगाती प्रेम की बाती बलाय॥
1 And Jacob lifted up his eyes, and looked, and, behold, Esau was coming, and with him four hundred men. And he divided the children unto Leah, and unto Rachel, and unto the two handmaids.
“Yudhishthira said, ‘Tell me, O grandsire, what is Adhyatma with respectto man and whence it arises.’
प्रतापगढ़ का राजा मंगलसेन शूरवीर और पराक्रमी था | उसका साम्राज्य दूर-दूर तक फैला था | वह प्रतिदिन शाम को एक अदालत लगाता था, जिसमें जनता की समस्याओं को सुनता था | उसका सदैव यही प्रयास रहता था कि उसके राज्य में सभी सुखी हों | वह उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करता था |