Home2011May (Page 12)

ब्राम्हण के वेश में विश्वामित्र राजा हरिश्चंद्र को लेकर अपने आश्रम पर पहुंच| वंहा वास्तव में एक विवाह का आयोजन किया जा रहा था| वेदी के पास दूल्हा-दुल्हन और आश्रमवासी विवाह संपन्न कराने की तैयारी कर रहे थे|