Home2011April (Page 26)

दूसरों का हक हमारे पास न आये-इस विषय में मनुष्य को खूब सावधान रहना है| अपनी खरी कमाई का अन्न खाओगे तो अन्तःकरण निर्मल होगा और अगर चोरी का ठगी-धोखेबाजी का, अन्याय का अन्न खाओगे तो अन्तःकरण महान अशुद्ध हो जायगा|