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एक व्यापारी अपने ग्राहक को शहद दे रहा था| अचानक व्यापारी के हाथ से छूटकर शहद का बर्तन गिर पड़ा| बहुत-सा शहद भूमि पर ढुलक गया| जितना शहद व्यापारी उठा सकता था, उतना उसने ऊपर-ऊपर से उठा लिया; लेकिन कुछ शहद भूमि में गिरा रह गया|

शनि व्रत रखने का बहुत महत्व माना गया है| कुंडली में शनि की महादशा अथवा साढ़े साती या ढैय्या में शनि जी के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनि व्रत का महत्व माना गया है| शनि जी के इस मंत्र – ‘ऊँ शं शनिश्चराय नम:” को कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए| शनि व्रत में शनि देव की आरती के साथ साथ दान भी जरूरी है| उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न, काली गाय, भैंस, काला कम्बल या कपड़ा, लोहा या इससे बनी वस्तुएं और दक्षिणा किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।