कृपाचार्य
कृपाचार्य महर्षि शरद्वान के पुत्र थे| महर्षि शरद्वान महर्षि गौतम के पुत्र थे, इसी कारण इनको गौतम भी कहते थे| वे धनुर्विद्या में पूर्ण पारंगत थे| इंद्र भी इनकी असाधारण पटुता देखकर इनसे डरने लगा था|
कृपाचार्य महर्षि शरद्वान के पुत्र थे| महर्षि शरद्वान महर्षि गौतम के पुत्र थे, इसी कारण इनको गौतम भी कहते थे| वे धनुर्विद्या में पूर्ण पारंगत थे| इंद्र भी इनकी असाधारण पटुता देखकर इनसे डरने लगा था|
“Lomasa said, ‘O son of Kunti, Bharadwaja returned to his hermitage afterperforming the ritual duties of the day, and having collected thesacrificial fuel.
“Sanjaya said, ‘Engaged in taking the lives of brave warriors, Arjuna’sson then resembled the Destroyer himself, when the latter takes the livesof all creatures on the arrival of the Universal Dissolution.
बारक सुमिरत तोहि होहि तिन्हहि सम्मुख सुखद|
क्यों न संभारहि मोहि दया सिंधु दसरत्थ के||
“Vaisampayana said, ‘The protector of the earth spent there a singlenight, and with his brothers, paid the highest honours to the religiousmen.
महारानी सुमित्रा त्यागकी साक्षात् प्रतिमा थीं| ये महाराज दशरथकी दूसरी पटरानी थीं| महाराज दशरथने जब पुष्टि यज्ञके द्वारा खीर प्राप्त किया, तब उन्होंने खीरका भाग महारानी सुमित्राको स्वयं न देकर महारानी कौसल्या और महारानी कैकेयीके द्वारा दिलवाया|
तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। सर्दियों में तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। तिल के बीज छोटे पीले भूरे रंग के बीज हैं जो कि मुख्य रूप से अफ्रीका में पाए जाते हैं, लेकिन वे भारतीय उपमहाद्वीप पर भी कम संख्या में उगाए जाते हैं।
“Janamejaya said, ‘It behoveth thee to tell me of any wonderful incidentthat occurred in the sacrifice of my grandsires.’
बादशाह अकबर जंग में जाने की तैयारी कर रहे थे| फौज पूरी तरह तैयार थी| बादशाह भी अपने घोड़े पर सवार होकर आ गए| साथ में बीरबल भी था| बादशाह ने फौज को जंग के मैदान में कूच करने का निर्देश दिया|