आधा आपको दे दूंगा (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर और बीरबल यमुना नदी के किनारे सैर कर रहे थे| उस वक्त बीरबल नजरें झुकाकर चल रहा था| यह देखकर बादशाह अकबर को मजाक सूझा और उन्होंने बीरबल से पूछा – “क्या बात है बीरबल… कुछ गुम हो गया है क्या?”
बादशाह अकबर और बीरबल यमुना नदी के किनारे सैर कर रहे थे| उस वक्त बीरबल नजरें झुकाकर चल रहा था| यह देखकर बादशाह अकबर को मजाक सूझा और उन्होंने बीरबल से पूछा – “क्या बात है बीरबल… कुछ गुम हो गया है क्या?”
1 [मार्क]
स हत्वा रावणं कषुद्रं राक्षसेन्द्रं सुरद्विषम
बभूव हृष्टः ससुहृद रामः सौमित्रिणा सह
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
रंग दे चुनरिया (2)
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
1 [वैषम्पायन]
दवैपायन वचॊ शरुत्वा कुपिते च धनंजये
वयासम आमन्त्र्य कौन्तेयः परत्युवाच युधिष्ठिरः
1 In the third month after the children of Israel were gone forth out of the land of Egypt, the same day came they into the wilderness of Sinai.
“Yudhishthira said, ‘If a man be a house-holder or a Brahmacharin, aforest-recluse or a mendicant, and if he desires to achieve success, whatdeity should he adore?
1 [वै]
गत्वा तु तां भार्गव कर्मशालां; पार्थौ पृथां पराप्य महानुभावौ
तां याज्ञसेनीं परमप्रतीतौ; भिक्षेत्य अथावेदयतां नराग्र्यौ
1 भीष्म उवाच
ततस ते तापसाः सर्वे कार्यवन्तॊ ऽभवंस तदा
तां कन्यां चिन्तयन्तॊ वै किं कार्यम इति धर्मिणः
“Sanjaya said, ‘Those adorable bowmen, Arjuna and Vasudeva, who areperfectly equal unto each other in respect of their godlike nature, havetaken their births of their own will.