Chapter 66
“Narada said, ‘Dushmanta’s son, Bharata, O Srinjaya, we hear, fell a preyto death. While only a child (living) in the forest, he achieved featsincapable of being achieved by others.
“Narada said, ‘Dushmanta’s son, Bharata, O Srinjaya, we hear, fell a preyto death. While only a child (living) in the forest, he achieved featsincapable of being achieved by others.
1 [वै]
अथापरॊ ऽदृश्यत पाण्डवः परभुर; विराट राज्ञस तुरगान समीक्षतः
तम आपतन्तं ददृशे पृथग्जनॊ; विमुक्तम अभ्राद इव सूर्यमण्डलम
कभी-कभी बैठे-बैठे या काम करते हुए शरीर का कोई अंग या त्वचा सुन्न हो जाती है| कुछ लोग देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करते या पढ़ते-लिखते रहते हैं| इस कारण रक्तवाहिनीयों तथा मांसपेशियों में शिथिलता आ जाने से शरीर सुन्न हो जाता है|
“Vaisampayana said, ‘Thus addressed Dhrishtadyumna, that foremost of theLunar princes, cheerfully said unto his father all that had happened andby whom Krishna had been won.
Vaisampayana said, “Those Brahmanas then, that had been dwelling (withhim) in the woods, beholding the son of Kunti about to set out (on thepious pilgrimage), approached him, O king, and said, ‘Thou art about toset out, O king, on thy journey to the sacred tirthas, along with thybrothers and accompanied by the illustrious Rishi Lomasa.
त्रेतायुग में एक बार बारिश के अभाव से अकाल पड़ा। तब कौशिक मुनि परिवार के लालन-पालन के लिए अपना गृहस्थान छोड़कर अन्यत्र जाने के लिए अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ चल दिए। फिर भी परिवार का भरण-पोषण कठिन होने पर दु:खी होकर उन्होनें अपने एक पुत्र को बीच राह में ही छोड़ दिया।
“Narada said, ‘At the conclusion of Mahadeva’s speech, loud roars wereheard in the firmament. Thunders bellowed, with flashes of lightening.
बादशाह अकबर ने एक स्वप्न देखा| उस स्वप्न के बारे में उन्हें जिज्ञासा हुई| उन्होंने ज्योतिषी को बुलवाया और अपने स्वप्न के बारे में बताकर उसका फल जानना चाहा|
1 If there arise in the midst of thee a prophet, or a dreamer of dreams, and he give thee a sign or a wonder,