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“Dhrishtadyumna said, ‘Duryodhana, Durvisaha, Durmukha andDushpradharshana, Vivinsati, Vikarna, Saha, and Duhsasana; Yuyutsu andVayuvega and Bhimavegarava; Ugrayudha, Valaki, Kanakayu, and Virochana,Sukundala, Chitrasena, Suvarcha, and Kanakadhwaja; Nandaka, and Vahusali, and Tuhunda, and Vikata; these, O sister, and many other mighty sons of Dhritarashtra–all heroes–accompanied by Karna, have come for thy hand.Innumerable other illustrious monarchs all bulls among Kshatriyas–havealso come for thee.

शरीर में सूजन होने का एकमात्र कारण है निठल्लापन| यदि शरीर में सूजन उत्पन्न होते ही उचित ही उचित आहार-विहार पर ध्यान दिया जाए तो इस रोग से शीघ्र ही छुटकारा पाया जा सकता है| इस रोग के बढ़ जाने पर कई अन्य रोग पनप सकते हैं| अत: इस बारे में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है|

. राजा परीक्षित-राजा परीक्षित अर्जुन (पांडव) का पौत्रा और अभिमन्यु का पुत्र था| महाभारत के युद्ध के बाद यह राजा बना| कलयुग में इसकी चर्चा हुई| पांडवों की संतान का यह एक महान पुरुष था, इसको हस्तिनापुर के सिंघासन पर बिठा कर पांचों पांडव द्रौपदी सहित हिमालय पर्वत को चले गए| यह कई साल राज करता रहा| इस बीच प्रजा को बहुत दुःख हुआ| यह कलयुग का मुख्य राजा था|

बाइबिल में एक कथा है। एक कपूत घर छोड़कर भाग जाता है। उसके पिता के घर में सभी प्रकार की सुविधाएँ बहुलता से प्राप्त थीं। लालसा की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि सब कुछ उपलब्ध था।

मिथिला नगर में मनसुख नामक जुलाहा रहता था| एक दिन काम करते समय उसका करघा टूट गया| करघा बनाने के लिए लकड़ी की आवश्यकता थी, अतः वह कुल्हाड़ी लेकर वन में पहुँचा और एक सूखे शीशम के पेड़ को काटने लगा|