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नंदन वन में वृक्ष पर चिड़ियों का एक जोड़ा सुखपूर्वक रहता था| समय बीतने के साथ चिड़िया ने अंडे दिए| चिड़िया दिनभर अंडो पर बैठकर उन्हें सेती थी और चिड़ा भोजन जुटाता था|

महाराज उग्रसेनके एक भाई थे, उनका नाम देवक था| देवकीजी उन्हींकी कन्या थीं| ये कंससे छोटी थीं, अत: वह इनसे अत्यधिक स्नेह करता था| देवकजीने इनका विवाह वसुदेवजीके साथ अत्यन्त धूम-धामसे सम्पन्न किया|

शनि के नाम से ही हर व्यक्ति डरने लगता है। शनि की दशा एक बार शुरू हो जाए तो साढ़ेसात साल बाद ही पीछा छोड़ती है। लेकिन हनुमान भक्तों को शनि से डरने की तनिक भी जरूरत नहीं। शनि ने हनुमान को भी डराना चाहा लेकिन मुंह की खानी पड़ी आइए जानें कैसे…