पृथी मल को निहाल करना – साखी श्री गुरु अमर दास जी
एक बार कुछ सिक्ख गुरु जी को बड़े प्रेमपूर्वक गाँव में ले गए| वहां पृथी मल्ल आप जी के दर्शन करने के लिए पहुंचे|
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उन्होंने गुरु जी से पूछा, गुरु जी! हमारी एक जाति है, कोई ऐसा उपदेश दें जो कल्याण का साधन बने| गुरु जी ने कहा, “हमारी कोई जाति आगे साथ नहीं जाती, जब हम मौत को हासिल करते है| अपनी जाति का अहंकार, ये सब झूठा है| प्रभु की दरगाह में वहीं व्यक्ति सम्मान प्राप्त करता है जिस ने नाम स्मरण किया हो| सन्त जनों की सेवा करता हो| गुरु जी के ऐसे बचन सुनकर पृथी मल निहाल हो गया|
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