मूल्यवान भेंट
किसी नगर में एक व्यापारी रहता था| व्यापारी ने अपने व्यापार से खूब कमाई की| जिससे उसकी तिजोरियां धन-दौलत से भर गईं| चारों ओर उसका नाम हो गया|
किसी नगर में एक व्यापारी रहता था| व्यापारी ने अपने व्यापार से खूब कमाई की| जिससे उसकी तिजोरियां धन-दौलत से भर गईं| चारों ओर उसका नाम हो गया|
एक संत थे। उन्होंने अपने चार शिष्यों को बुलाकर कहा देश की पवित्र नदियों का जल लेकर आओ। चारों शिष्य अलग-अलग दिशाओं में नदियों का जल लेने के लिए चल दिए।
बीरबल के साथ सैर कर रहे बादशाह अकबर की नजर एक कुत्ते पर पड़ी जो सूखी और जली हुई रोटी चबा रहा था| जलने के कारण वह रोटी काली पड़ गई थी| यह देखकर अकबर ने बीरबल से कहा – “देखो बीरबल, बेचारा कुत्ता ‘काली’ को खा रहा है|”
पहले मैं दमशिक नगर में हकीमी किया करता था| अपनी चिकित्सा के कारण वहाँ मेरी बड़ी प्रतिष्ठा हो गई थी| एक दिन वहाँ के हकीम ने मुझसे कहा, “फलां मकान में एक रोगी है, वह वहाँ आ नही सकता| उसको वही जाकर देखो|”
एक डाकू था| वह जंगल में छिपा रहता था और उधर से जो भी निकलता था, उसको लूटकर अपनी गुजर-बसर करता था| एक दिन नारद उधर से निकले| डाकू उन पर हमला करने को आया| नारद ने उसे देखकर अपनी वीणा पर गाना आरंभ कर दिया| डाकू चकित होकर आगे बढ़ा|
एक बूढा व्यक्ति था। उसकी दो बेटियां थीं। उनमें से एक का विवाह एक कुम्हार से हुआ और दूसरी का एक किसान के साथ।
लापरवाही से तलवार पकड़ने के कारण एक बार अकबर के अंगूठे का ऊपरी हिस्सा थोड़ा-सा कट गया, जिसके कारण वे दर्द से कहरा उठे| यह देखकर बीरबल ने कहा – “भगवान जो करता है, अच्छा ही करता है|”
एक राजा था| उसके राज्य में कभी भी उपद्रव नहीं होते थे| प्रजा बहुत सुखी थी| उसके राज्य से सटा एक दुसरे राजा का छोटा-सा राज्य था, लेकिन उसमें आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते थे| लोग आपस में लड़ते रहते थे| उसकी प्रजा बहुत ही दुखी थी, जिसकी वजह से राजा भी बहुत परेशान था|