HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 91)

बीरबल के साथ सैर कर रहे बादशाह अकबर की नजर एक कुत्ते पर पड़ी जो सूखी और जली हुई रोटी चबा रहा था| जलने के कारण वह रोटी काली पड़ गई थी| यह देखकर अकबर ने बीरबल से कहा – “देखो बीरबल, बेचारा कुत्ता ‘काली’ को खा रहा है|”

पहले मैं दमशिक नगर में हकीमी किया करता था| अपनी चिकित्सा के कारण वहाँ मेरी बड़ी प्रतिष्ठा हो गई थी| एक दिन वहाँ के हकीम ने मुझसे कहा, “फलां मकान में एक रोगी है, वह वहाँ आ नही सकता| उसको वही जाकर देखो|”

एक डाकू था| वह जंगल में छिपा रहता था और उधर से जो भी निकलता था, उसको लूटकर अपनी गुजर-बसर करता था| एक दिन नारद उधर से निकले| डाकू उन पर हमला करने को आया| नारद ने उसे देखकर अपनी वीणा पर गाना आरंभ कर दिया| डाकू चकित होकर आगे बढ़ा|

लापरवाही से तलवार पकड़ने के कारण एक बार अकबर के अंगूठे का ऊपरी हिस्सा थोड़ा-सा कट गया, जिसके कारण वे दर्द से कहरा उठे| यह देखकर बीरबल ने कहा – “भगवान जो करता है, अच्छा ही करता है|”

एक राजा था| उसके राज्य में कभी भी उपद्रव नहीं होते थे| प्रजा बहुत सुखी थी| उसके राज्य से सटा एक दुसरे राजा का छोटा-सा राज्य था, लेकिन उसमें आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते थे| लोग आपस में लड़ते रहते थे| उसकी प्रजा बहुत ही दुखी थी, जिसकी वजह से राजा भी बहुत परेशान था|