दरशन दीजो आय प्यारे
दरशन दीजो आय प्यारे तुम बिनो रह्यो ना जाय ..
प्रभु हम पे कृपा करना प्रभु हम पे दया करना .
वैकुण्ठ तो यहीं है इसमें ही रहा करना ..
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..
हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें .
दूसरोंकी जयसे पहले, खुदकी जय करें .
हमको मनकी शक्ति देना ..
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ..