ब्रह्मा बने शिव के सारथी (भगवान शिव जी की कथाएँ) – शिक्षाप्रद कथा
वैदिक काल में त्रिपुर नाम का एक असुर राजा था| उसने नागों, यक्षों, गंधर्वों तथा किन्नरों को जीतकर अपना राज्य दूर-दूर तक फैला लिया|
वैदिक काल में त्रिपुर नाम का एक असुर राजा था| उसने नागों, यक्षों, गंधर्वों तथा किन्नरों को जीतकर अपना राज्य दूर-दूर तक फैला लिया|
पार्वती जब भी अपने पति शिव के साथ दूसरे देवताओं के निवास स्थान पर जातीं और वहां उनके सजे-धजे सुंदर भवनों को देखतीं तो उन्हें बड़ी हीनता का बोध होता|
दैत्यराज शकुनि के पुत्र का नाम वृकासुर था| वृकासुर बहुत ही महत्वकांक्षी युवक था और उसकी हर समय यही इच्छा रहती थी कि वह संसार का अधिपति बन जाए|
प्राचीनकाल से ही काशी शिव-क्रीड़ा का केंद्र रहा है| एक बार भगवान शिव पार्वती सहित काशी पधारे| वे कुछ दिन काशी में रुके, तत्पश्चात मंदराचल पर चले गए|