श्रावण मास माहात्म्य – सर्वव्याधि मोचन प्रयोग
सामग्रीः कार्यसिद्धि रुद्राक्ष, पारद मोती|
श्रावण के प्रथम सोमवार को लकड़ी के एक तख्ते पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर चावलों से ॐ बनाएं| उसके मध्य में घर में उपलब्ध शिवलिंग स्थापित करें| चारों ओर चार कलश स्थापित करें| ये कलश मिट्टी या चांदी के बने होने चाहिए| इनमे पीपल के पत्ते डालकर उन पर नारियल रखें| प्रत्येक कलश में पीपल के पांच पत्ते बने होने चाहिए| इस प्रकार से डालें कि उनके डंठल कलश के अंदर हों|
तत्पश्चात निम्न मन्त्र की 11 मालाएं जपें तो निश्चय ही साधक समस्त प्रकार की परेशानियों से मुक्त होता है और यदि साधक रोगी है तो वह रोगमुक्त हो जाता है|
मंत्र
ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं त्र्यम्बकं यजामहे सुगधिं पुष्टिवर्द्धनं भर्गोदेवस्य धीमहि उर्वारूकमिव वंधनाद धियो यो नः प्रचोदयात मृत्युर्मुक्षीयमामृतात|
इसमें यदि छोटे मनकों की रुद्राक्ष माला का प्रयोग किया जाए तो निश्चय ही सफलता मिलती है|