प्रसव पीड़ा के 9 घरेलु उपचार – 9 Homemade Remedies for Labor Pain
प्रत्येक विवाहित स्त्री मां बनने को लालायित रहती है, अपितु उसे प्रसव के समय अपार कष्ट एवं परेशानियां भोगनी पड़ती हैं| कभी-कभी किन्हीं कारणवश स्त्री, बच्चे अथवा दोनों की जान जोखिम में पड़ जाती है| ऐसी स्थिति में विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता रहती है|
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प्रसव पीड़ा के 9 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:
1. तुलसी
प्रसव पीड़ा के समय स्त्री को तुलसी के पत्तों का रस एक-एक चम्मच की मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर बाद पिलाना चाहिए|
2. चुम्बक पत्थर और रेशमी कपड़ा
चुम्बक पत्थर को रेशमी कपड़े में बांधकर स्त्री के बाएं हाथ में पकड़ा देना चाहिए| इससे बच्चा आसानी से पैदा हो जाता है|
3. लाल घुंघची और गुड़
तीन दाले लाल घुंघची लेकर महीन पीस लें| इसमें थोड़ा-सा पुराना गुड़ मिलाएं| फिर दोनों को अच्छी तरह खरल कर लें| इसे प्रसव के समय खिला दें| नुस्खा पेट में पहुंचने के 10 मिनट बाद बच्चा बिना दर्द के हो जाएगा|
4. अपमार्ग
अपमार्ग की जड़ को माता की कमर में डोरी में पिरोकर बांधने से प्रसव का कष्ट कम हो जाता है|
5. एरण्ड
एरण्ड का तेल बार-बार नाभि पर लगाने से प्रसव शीघ्र हो जाता है|
6. अंजीर
प्रसव होने के आठ दिन पहले से माता को अंजीर का सेवन शुरू कर देना चाहिए|
7. मकोय
प्रसूति के समय मकोय की जड़ पीसकर नाभि के नीचे लेप करना चाहिए| इससे प्रसव आसानी से हो जाता है|
8. गाजर
प्रसव के समय स्त्री को गाजर के बीज तथा उसके पत्तों का काढ़ा पिलाना चाहिए|
9. लौकी और शहद
थोड़ी-सी लौकी को उबाल लें| फिर उसका रस निचोड़कर 30 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर माता को दें| प्रसव पीड़ा कम हो जाएगी|
प्रसव पीड़ा का कारण
बच्चा गर्भाशय के बाहर सरलता से नहीं आता, बल्कि माता को बहुत कष्ट सहन करना पड़ता है| माता दर्द के कारण तड़प जाती है| आजकल तो स्त्रियां शारीरिक परिश्रम बहुत कम करती हैं, इसलिए वे बच्चे जनते समय अधमरी हो जाती हैं| कहा जाता है कि बच्चा जनने में स्त्री का दूसरा जन्म होता है| वर्तमान युग में ऐसी बहुत-सी दवाइयों तथा नुस्खों की खोज हो गई है जिनके सेवन से माता का प्रसव पीड़ा नहीं भोगनी पड़ती|
प्रसव पीड़ा की पहचान
बच्चे को जन्म देते समय माता को बहुत घबराहट होती है| उसे उल्टी, पूरे शरीर, पेड़ व पेट में दर्द, बेचैनी, योनि से स्त्राव तथा रक्त आने लगता है| ये प्रसव पीड़ा के आम लक्षण हैं|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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