Homeघरेलू नुस्ख़ेबीमारीयों के लक्षण व उपचारखुजली के 22 घरेलु उपचार – 22 Homemade Remedies for Itching

खुजली के 22 घरेलु उपचार – 22 Homemade Remedies for Itching

खून की खराबी के कारण खुजली हो जाती है| यह रोग अधिक खतरनाक नहीं है| लेकिन यदि असावधानी बरती जाती है तो यह रोग जटिल बन जाता है| इसलिए रोगी को खाने-पीने के मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए|

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जहां तक हो सके, बाजार के खुले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए| यदि रोग बड़े पैमाने पर हो तो नमक और नमकीन चीजों को खाना बंद कर दें| इसके साथ-साथ इमली, अचार, नीबू, टमाटर, तेल, लाल मिर्च, चाय आदि का सेवन त्याग देना चाहिए|

 

 

खुजली के 22 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:

1. दही

रात को तांबे के बरतन में थोड़ा-सा दही रख दें| सुबह दही का रंग कुछ नीला पड़ जाएगा| इस दही को उसी बरतन में कुछ देर तक फेंटे| फिर इस मलहम को खुजली वाले स्थान पर लगाएं|


2. नीम

सुबह कुछ दिनों तक एक चम्मच नीम की पत्तियों का रस पिएं|


3. नीम और दही

नीम की पत्तियों को पीसकर दही में मिलाकर खुजली वाले स्थान पर प्रतिदिन लगाएं|


4. तिली

250 ग्राम तिली के तेल में 50 ग्राम दूब का रस मिलाकर कुछ देर तक आग पर पकाएं| ठंडा होने पर छानकर शीशी में भर लें| इस तेल को खुजली वाले चर्म पर लगाने से 5-6 दिनों में खुजली जाती रहती है|


5. नीम और पानी

रोज सुबह सात-आठ दिनों तक चार-पांच नीम की कोंपलें चबाकर खा जाएं| ऊपर से ताजा पानी पी लें|


6. तुलसी, नीबू और रुई

दो चम्मच तुलसी के पत्तों का रस तथा दो चम्मच नीबू का रस आपस में मिला लें| फिर इसे रुई के फाहे से लगाएं|


7. अजवायन

गरम पानी में थोड़ी-सी अजवायन चटनी की तरह पीस लें| फिर इसे खुजली पर लगाएं|


8. जीरा और पानी

जीरे को कपड़छन चूर्ण पानी में गाढ़ा-गाढ़ा घोलकर खुजली वाली जगह पर लगाएं|


9. तिली, दूब, हल्दी, सरसों और रुई

250 ग्राम तिली या सरसों के तेल में चार-पांच चम्मच दूब का रस तथा 100 ग्राम पिसी हुई हल्दी मिला लें| अब इसको लोहे को कड़ाही में पकाएं| थोड़ी देर बाद इस तेल को छानकर बोतल में भर लें| नित्य दिन में तीन बार रुई के फाहे से इस तेल को लगाएं|


10. नीबू, नारियल, टमाटर और फिटकिरी

आधे नीबू पर थोड़ी-सी पिसी हुई फिटकिरी बुरककर खुजली वाले स्थान पर अच्छी तरह लगाएं| नारियल के एक गुने तेल में दो गुना टमाटर का रस मिलाकर लगाएं|


11. तिली और बथुआ

100 ग्राम तिली के तेल में 100 ग्राम बथुए का रस मिलाकर आग पर पका लें| फिर छानकर शीशी में भर लें| इस तेल को नित्य लगाएं|


12. गेहूं और तिली

गेहूं के आते में तिली का तेल मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं|


13. शहद

खुजली वाले स्थान पर शहद लगाने से भी काफी लाभ होता है|


14. सिरस

सिरस का तेल खुजली में कम से कम दिन में चार बार लगाएं|


15. नीबू और केला

यदि शरीर में सूखी खुजली हो तो नीबू के रस में केले के पत्तों की राख मिलाकर लगाएं|


16. केला और नीबू

दो पके केलों को किसी बरतन में मथ लें| फिर उसमें एक नीबू का रस निचोड़कर अच्छी तरह मिला लें| इसे मलहम की तरह लगाएं|


17. दही और मूंग

थोड़े-से पतले दही में मूंग की दाल (छिलकों सहित) पीस लें| फिर उसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं|


18. राई और गोमूत्र

राई को गोमूत्र में पीस लें| फिर उसमें चिकनी मिट्टी मिलाएं| अब इसे खुजली वाले स्थान पर लेप करें|


19. नीबू और नौसादर

नीबू के रस में एक चुटकी नौसादर मिलाकर खुजली पर लगाएं|


20. नारियल और नीबू

नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर लगाने से खुजली नहीं होती|


21. अरहर

अरहर की दाल (कच्ची) पीसकर दही में मिला लें| फिर उसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं|


22. नीबू और चमेली

नीबू का रस तथा चमेली का तेल बराबर की मात्रा में मिलाकर खुजली पर लगाएं| सात-आठ दिनों में खुजली चली जाएगी|


खुजली में क्या खाएं क्या नहीं

खुजली हो जाने पर नमक बंद कर देना चाहिए| इसके साथ-साथ खटाई, तेल, मिर्च-मसाले, समोसे, कचौड़ी, परांठे, अरहर की दाल, घुइयां, चावल, चाय, कॉफी, शराब, अंडा, मीट आदि त्याग देना चाहिए| इन सबकी जगह दूध, दही, घी, मक्खन, मट्ठा, हरी सब्जियां, खीरा, पपीता, अमरूद, ककड़ी, खरबूजा, तरबूज, सेब, अनार, चीकू आदि का प्रयोग करना चाहिए| यदि नमक खाने की इच्छा हो तो सब्जी में सेंधा नमक बहुत कम मात्रा में डालकर सेवन करें| आंवले का मुरब्बा खुजली में बहुत लाभकारी है| अत: गरमियों के दिनों में इसका भी सेवन करें|

खुजली का कारण

यह एक संक्रामक रोग है| यदि घर में किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो यह धीरे-धीरे परिवार के सभी सदस्यों को घेर लेती है| यह गरम चीजें खाने, छूने, श्वास के साथ जीवाणु फैलने, गलत इंजेक्शन लगवाने, शराब पीने, गुटका या पान-तम्बाकू खाने आदि के कारण हो जाती है|

खुजली की पहचान

त्वचा पर लाल रंग के चित्तीदार दाने निकल आते हैं| इनमें बहुत अधिक खुजली होती है| रोगी उसे खुजाते-खुजाते दु:खी हो जाता है| खुजली में जलन होती है तथा धीरे-धीरे लाल ददोरे पड़ जाते हैं| कई बार खुजाते हुए ददोरे छिल जाते हैं और उनमें से खून निकल आता है| पक जाने पर पतला पानी-सा पीव रिसने लगता है|

NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।

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