सिर दर्द के 35 घरेलु उपचार – 35 Homemade Remedies for Headaches
जो लोग सिर दर्द को रोग मानते हैं, वे धोखा खा जाते हैं क्योंकि यह रोग है ही नहीं| वास्तव में यह किसी रोग का लक्षण है| यदि यह अधिक तेज नहीं होता तो बगैर किसी दवा के अपने आप ठीक हो जाता है|
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कई बार देखा गया है कि अधिक काम करने या मानसिक अशान्ति के कारण सिर में दर्द होने लगता है| कुछ लोगों को समय से चाय, कॉफी या खाना नहीं मिलता तो उनका सिर दुःखने लगता है| पेट में कब्ज होने पर भी सिर दर्द की शिकायत हो जाती है| आंव भारी तो माथ भारी| अर्थात् पेट का भारीपन सिर दर्द पैदा कर देता है| कुछ लोग अधिक भाग-दौड़ के बाद सिर पकड़कर बैठ जाते हैं| जुकाम, बुखार, शरीर में दर्द आदि के कारण भी सिर दर्द हो जाता है| माथे में श्लेष्मा या विकारयुक्त पानी रुकने के कारण भी सिर में पीड़ा होने लगती है| ऐसी हालत में हमारा पहला कर्त्तव्य है कि हम दर्द होने के कारणों का पता लगाएं| फिर उसे दूर करने का प्रयास करें| सिर दर्द अपने आप जाता रहेगा| मान लिया, किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा मानसिक परिश्रम के कारण सिर दर्द हो गया है| ऐसी दशा में उसे गरम-गरम चाय या कॉफी पिलानी चाहिए| माथे में देशी घी मलना चाहिए या सिर की चम्पी मालिश कर देनी चाहिए|
इस प्रकार शारीरिक शक्ति के अनुसार काम करने, व्यर्थ की भाग-दौड़ से बचने, सदैव प्रसन्न रहने, नियम-संयम बरतने, हल्का व्यायाम करने, धूप में अधिक देर तक न बैठने, बर्फ या फ्रिज का पानी न पीने आदि द्वारा सिर दर्द से बचा जा सकता है|
सिर दर्द के 35 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:
1. देशी घी
माथे पर देशी घी कुछ देर तक मलने से सिर दर्द रुक जाता है|
2. गाय का घी और शहद
नाक के छेदों में गाय का घी, गोमूत्र या शहद डालना चाहिए|
3. पानी और सोंठ
पानी में सोंठ पीसकर माथे पर लगाने से सर्दी से होने वाला सिर का दर्द रुक जाता है|
4. लौंग और पानी
लौंग पीसकर पानी में घोलकर मस्तक पर चंदन की तरह लगाएं|
5. तुलसी और अदरक
तुलसी की पत्तियों का रस अदरक के रस में मिलाकर माथे पर चुपड़ें तथा रोगी को पिलाएं|
6. इलायची और पानी
बड़ी इलायची का छिलका खरल करके गरम पानी में गाढ़ा-गाढ़ा घोलकर माथे पर लगाएं|
7. लौंग और पानी
लौंग पीसकर पानी में घोलकर माथे पर लगाएं|
8. बादाम और केसर
बादाम के तेल में केसर मिलाकर दिन में तीन बार सूंघने की क्रिया करनी चाहिए|
9. नीबू और चाय
नीबू को चाय में निचोड़कर पीने से सिर दर्द ठीक हो जाता है|
10. पानी और सोंठ
पानी में सोंठ घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है|
11. तुलसी
तीन-चार तुलसी की पत्तियां चबाने से सिर दर्द कम हो जाता है|
12. इलायची
छोटी इलायची के बीजों को पीसकर बार-बार सूंघने से सिर दर्द में काफी आराम मिलता है|
13. धनिया और कालीमिर्च
धनिया तथा कालीमिर्च पीसकर माथे पर चंदन की तरह लगाएं|
14. पानी
रीठे के पानी को नाक में डालने से आधासीसी का दर्द जाता रहता है| दो बूंद से ज्यादा इस पानी को नाम में नहीं डालना चाहिए|
15. बादाम
बादाम के तेल की मालिश करने से सिर दर्द कम हो जाता है|
16. सिरस
सिरस के बीजों को पीसकर धीरे-धीरे सूंघने से सिर दर्द चला जाता है|
17. गुड़
तजि भुने चनों को गुड़ के साथ खाएं|
18. नीबू और पानी
पानी में नीबू निचोड़कर हल्का गरम करें और सहता-सहता तीन-चार बार पिएं|
19. चंदन और गुलाबजल
सफेद चंदन को गुलाबजल में घिसकर माथे पर लेप करें|
20. नमक
एक चुटकी नमक या छोटी ढेली जीभ की नोक पर रखकर धीरे-धीरे चूसने से सिर का दर्द जाता रहता है|
21. तुलसी, कालीमिर्च और लौंग
चार पत्तियां तुलसी, चार दाने कालीमिर्च तथा दो लौंग – सबको पीसकर माथे पर लगाएं और चटनी की तरह चाटें भी|
22. स्वमूत्र
माथे पर स्वमूत्र की मालिश 10 मिनट तक करें| हर प्रकार के सिर दर्द से छुटकारा मिलेगा|
23. नारियल और पानी
नारियल की गिरी को पानी में घिसकर माथे पर लगाएं|
24. तम्बाकू और नौसादर
तम्बाकू के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ी-सी नौसादर डालें| फिर उसे रुक-रुककर सूंघें|
25. कड़वा तेल
नाक में कड़वा तेल की तीन-चार बूंदें डालने से भी सिर दर्द में काफी लाभ होता है|
26. पालक और गाजर
यदि गरमी में सिर में दर्द हो तो पालक और गाजर का रस पिएं|
27. इलायची और कपूर
छोटी इलायची के बीजों को पीसकर उसमें जरा-सा कपूर मिला दें| फिर इस नस्य को थोड़ी-थोड़ी देर बाद सूंघने से सिर दर्द जाता रहता है|
28. नीबू
नीबू की पत्तियों को कुचलकर सूंघने से सिर दर्द चला जाता है|
29. प्याज
प्याज को पीसकर पैर के तलवों पर लगाएं और नस्य लें|
30. लहसुन
नाक के नथुनों में लहसुन का रस बूंद-बूंद टपकाएं|
31. हींग और पानी
हींग को गरम करके पानी में घोल लें| फिर माथे पर लेप करें|
32. पानी और दालचीनी
पानी में दालचीनी पीसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द में काफी आराम मिलता है|
33. पानी, सोंठ और कालीमिर्च
पानी में कालीमिर्च और सोंठ पीसकर माथे पर लेप करें|
34. पीपल और पानी
पीपल के पत्तों को पानी में चटनी की तरह पीसकर माथे पर लेप करें|
35. दूध और जायफल
बकरी के दूध में जायफल घिसकर कपाल पर लगाएं|
सिर दर्द में क्या खाएं क्या नहीं
सिर दर्द में खाने-पीने की वस्तुओं के लिए कोई विशेष परहेज नहीं है| फिर भी कुछ मामलों में सावधानी बरतना जरूरी है| उदाहरण के लिए यदि गरमी के कारण सिर दर्द हो तो चाय, कॉफी, शराब सिगरेट, गरम मसालेदार पदार्थ, चौलाई आदि का सेवन नहीं करना चाहिए| इसी प्रकार यदि ठंड की वजह से सिर दर्द हो तो दही, बर्फ, आइसक्रीम, ठंडा पानी, छोले, मैदा की चीजें, सेब, नाशपाती, अमरूद केला आदि का सेवन न करें| इसकी जगह मेवे तथा समफल लें| अधिक धूप में काम न करें| जाड़े के मौसम में सिर पर टोपी धारण करें| अधिक शारीरिक तथा मानसिक परिश्रम न करें| घी, दूध, हल्का भोजन, मौसमी फल तथा सब्जियों का प्रयोग करें| पेट के कब्ज न बनने दें| रात को हाथ-पैरों में सरसों का तेल मलकर गहरी नींद लें|
सिर दर्द का कारण
तरह-तरह के सर्दी-गरमी के बुखार, ठंड लगने, गरमी में घूमने, जुकाम हो जाने या नजला रुक जाने, वायु के रोग, शरीर में रक्त की कमी, मस्तिष्क में तनाव, आंखों का कोई रोग या कम दिखाई देना, वमन होना, पेट में गैस बनने, दस्त साफ न होने आदि के कारण सिर दर्द होने लगता है| जिन लोगों को अचानक चोट लग जाती है, रक्तचाप का रोग हो जाता है, मधुमेह तथा जाड़ा देकर बुखार आता है, उनके सिर में भी पीड़ा होने लगती है| शराब, सिगरेट, भांग, अफीम आदि का सेवन करने वाले व्यक्तियों को यदि समय पर ये चीजें न मिलें तो उनके सिर में दर्द होने लगता है|
कुछ व्यक्ति एक ही मुद्रा में देर तक काम करते रहते हैं, अत: उनके सिर में दर्द होने लगता है| प्रदूषित वातावरण में रहने, धुंआ-धूल के नाक में पहुंचने, दूषित भोजन करने आदि के कारण भी सिर में दर्द हो जाता है| इसके अलावा वायु बनाने वाली चीजों का अधिक सेवन करने, दही या बर्फ का अधिक प्रयोग तथा विरुद्ध भोजन इस रोग की गांठ बांध देता है| इसी प्रकार सिर का दर्द वायु से, पित्त से, खून की खराबी से, धातु क्षय से तथा कृमि से भी हो जाता है|
सिर दर्द की पहचान
सिर दर्द में ऐसा मालूम पड़ता है, मानो कोई हथौड़ों से चोट कर रहा हो| यदि लगातार तेज दर्द होता है तो आंखें मुंद जाती हैं| कई बार उल्टी भी हो जाती है| आधे सिर में दर्द रूखा भोजन करने या पेट की वायु सिर तक पहुंचने के कारण होता है| यह दर्द गरदन, कनपटी, कान एवं आँख आदि को जकड़ डालता है| रोगी बस यही सोचता है कि हर हालत में उसके सिर का दर्द रुकना चाहिए| सिर का दर्द पूरे शरीर को अपनी सीमा में ले लेता है| अत: काम-धाम में उसका मन बिलकुल नहीं लगता|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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