शहद के 47 स्वास्थ्य लाभ – 47 Health Benefits of Honey
यह बहुत चिपचिपा, कुछ पारदर्शक तथा भूरे रंग का गाढ़ा होता है| साथ ही यह अत्यंत सुगंधित, मधुर, सघन पानी में सहज ही घुल जाने वाला होता है| यह कई प्रकार का होता है, किन्तु सबकी अपनी गंध, वर्ण और स्वाद होता है| मधुमक्खी सर्व प्रकार के फूलों से, उनका रस खींचकर शहद का निर्माण करती है|
शीतकाल में संगृहित शहद सर्वोत्तम माना जाता है| हिमालय प्रदेश का शहद उत्तम तथा मारवाड़ का शहद सबसे निकुष्ट माना जाता है| शहद की दो विशेष विशेषताएं हैं| एक तो यह कि पेट में पहुंचते ही, पचकर यह खून में मिल जाता है और तुरंत ही शरीर में बल-संचय कर देता है| दूसरा यह कि शहद को जिसके साथ लिया जाता है, यह उसी प्रकार का प्रभाव दिखाता है| अर्थात् गर्म चीज के साथ गर्म तथा ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा प्रभाव दिखाता है|
शहद के 47 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. थकावट
शहद के प्रयोग से शक्ति, स्फूर्ति और स्नायु को शक्ति मिलती है| समुद्र में काम करने वाले जिनको बहुत समय तक पानी में रहना पड़ता है वे शहद से यह शक्ति प्राप्त कर सकते हैं| शहद का सबसे बड़ा गुण थकावट दूर करना है| शक्कर से पाचन अंग खराब होते हैं, पेट में वायु पैदा होती है लेकिन शहद वायु बनने को रोकता है| मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है| आप सारे काम काज करने के बाद रात को या जब भी थकावट हो तो दो चम्मच शहद आधे गिलास गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं, सारी थकावट दूर हो जायेगी और आप पुन: ताजगी प्रतीत करने लगेंगे|
2. कृमि (Worms)
सुबह-शाम शहद लेने से कृमि में लाभ होता है|
दो भाग दही, एक भाग शहद मिलाकर चाटने से कृमि मर कर मल के साथ बाहर आ जाते हैं|
3. दांत निकलना
(बच्चों के दांत निकलना) दांत निकलने वाले बच्चों के मसूड़ों पर शहद रगड़ने से दांत बिना कष्ट के निकलते हैं| बच्चों का कब्ज भी शहद देने से ठीक होता है|
4. जुकाम, इन्फ्लूएंजा
शहद 30 ग्राम, अदरक का रस दो चाय के चम्मच थोड़े से गर्म पानी में मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है| 2 चम्मच शहद, 20 ग्राम दूध, आधा चम्मच मीठा सोडा; इन सबको मिलाकर सुबह और इसी मात्रा में शाम को पिलाएं| इससे बहुत पसीना आएगा| पसीने में हवा न लगने दें| इससे जुकाम, फ्लू ठीक हो जाएगा| फ्लू होने पर शहद के सेवन से खांसी के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं, बुखार और सिर दर्द कम होता है|
मात्रा – बड़ों के लिए 1-2 चम्मच, बच्चों के लिए आधी से एक चम्मच|
5. क्षय
25 ग्राम शहद, 100 ग्राम मक्खन में मिलाकर देना चाहिए| एक चम्मच शहद, दो चम्मच देशी घी मिलाकर सेवन करने से शरीर का क्षय होने रुक जाता है, बल बढ़ता है|
6. हृदय शक्तिवर्धक
शहद हृदय को शक्ति देने के लिए विश्व की समस्त औषधियों में सर्वोत्तम है| इससे हृदय इतना शक्तिशाली हो जाता है जैसे घोड़ा हरे जौ खाकर शक्ति प्राप्त कर लेता है| शहद के प्रयोग से हृदय के पट्टो की शोथ दूर हो जाती है| जहां यह रोग-ग्रस्त हृदय फेल होने से बच जाता है| जब रक्त में ग्लोइकोर्जन के अभाव से रोगी को बेहोश होने का डर हो, तो शहद खिलाकर रोगी को बेहोश होने से बचाया जा सकता है| शहद मिनटों में रोगी में शक्ति व उत्तेजना पैदा कर देता है और कमजोर तथा फेल होने वाला हृदय शक्तिशाली हो जाता है| सर्दी या कमजोरी के कारण जब हृदय की धड़कन अधिक हो जाए, डीएम घुटने लगे तो दो चम्मच शहद सेवन करने से नवीन शक्ति मिलती है| हृदय की दुर्बलता, दिल बैठना आदि कोई कष्ट हो तो शहद की एक चम्मच गर्म पानी में डालकर पिलाएं| एक चम्मच शहद प्रतिदिन लेने से हृदय सबल बनता है| एक चम्मच शहद में 10 कैलोरी शक्ति होती है|
7. पेट दर्द
यदि किसी चीज के खाने से पेट-दर्द हो जैसा कि प्राय: पेट-दर्द के रोगी पूछने पर बताते हैं कि पेट-दर्द खाने से बढ़ता है तो कुछ दिन शहद सेवन करने से लाभ होता है|
8. दुर्बलता
शहद स्नायुविक-संस्थान की दुर्बलता को दूर करता है|
9. हड्डी का टूटना
हड्डी टूट जाने पर नित्य शहद का सेवन करते रहने से हड्डी जुड़ने में सहायता मिलती है|
10. फेफड़ों के रोग
फेफड़ों के रोग जैसे ब्रोन्काटिस, निमोनिया, टी.बी., दमा आदि में शहद लाभदायक है| रूप में फेफड़ों के रोगों में शहद अधिक प्रयोग किया जाता है|
11. दमा
दुर्बल व्यक्ति जिनके फेफड़े श्लेष्मा से भरे रहते हैं और उनके लिए सांस लेना कठिन होता है, उनको दो चम्मच प्याज का रस या एक प्याज को कूट-कूट कर गूदा बनाकर, इसे दो चम्मच शहद में मिलाकर लेना चाहिए| दमा और फेफड़ें के रोग शहद सेवन करने से दूर होते हैं| शहद फेफड़ों को बल देता है, खांसी, गले की खुश्की तथा स्नायु कष्ट दूर करता हैं छाती की घ..र..र.. घरर दूर होती है| केवल शहद का प्रयोग भी कर सकते हैं|
12. खांसी (Cough)
एक नींबू गर्म पानी में उबालें फिर निकाल कर कांच के गिलास में निचोड़ें| इसमें एक औंस ग्लिसरीन और तीन औंस शहद मिलाकर हिलाएं| इसकी एकेक चम्मच चार बार लेने से खांसी उठना बन्द हो जाती है|
13. पित्ती
जब बड़ी-बड़ी दवाओं और इंजेक्शनों से भी पिट्टी में लाभ न हो, नागोशर 6 ग्राम, शहद 25 ग्राम मिलाकर रोगी को सुबह शाम खिलाएं|
14. गर्भावस्था
शहद में प्रोटीन होती है| प्रोटीन का सेवन गर्भावस्था में करने से पैत्रिक गुण सन्तान में चले जाते हैं| शहद में कुछ हारमोन होते हैं जो गर्भस्थ महिला के यौवन और रंग रूप को बनाए रखते हैं| गर्भावस्था में रक्त की कमी आ जाती है| इस काल में रक्त बढ़ाने वाली चीजों का सेवन अधिक किया जाना चाहिए| महिलाओं को दो चम्मच शहद नित्य पिलाते रहने से रक्त की कमी नहीं होती, शक्ति आती है और बच्चा सुन्दर मोटा ताजा एवं तेज मानसिक-शक्ति से सम्पन्न होता है| गर्भवती को आरम्भ पिलाने से बच्चा स्वस्थ और आकर्षक होता है|
15. शक्तिवर्धक
शहद में रक्त का निर्माण करने वाले तत्त्व होते हैं| यह पाचन अंगों में वायु बनना रोकता है, भूख बढ़ाता है, अजीर्ण और अन्य रोगों को दूर करता है| भोजन पचाता है| शरीर को शक्ति देता है और पुष्ट बनाता है| छोटे बच्चों को आधा चम्मच शहद नित्य तीन बार चटाने रहने से बच्चे पुष्ट और चुस्त हो जाते हैं| उनका स्नायुविक-संस्थान बहुत शक्तिशाली हो जाता है| प्रात: नींबू और शहद गर्म पानी में लेने से स्फूर्ति प्रतीत होती हैं| बीमारी के बाद दुर्बलता दूर करने के लिए दोपहर में खाना खाने के बाद एक चम्मच शहद लेने से दुर्बलता दूर होती है| शहद में विटामिन-ए और बी बहुत होते हैं जो शक्ति देते हैं, नेत्र ज्योति, रक्त को बढ़ाते हैं| विटामिन-बी की कमी से होने वाली ‘बेरी-बेरी’ बीमारी ठीक हो जाती है| मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है| शहद और दूध मिलाकर पीने से धातु क्षय में लाभ होता है और शरीर में बल वीर्य की वृद्धि होती है| शुक्रवर्धक है| मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए दूध में शहद मिलाकर पिएं| इससे वीर्य के दोष भी दूर हो जाते हैं|
16. खून की कमी
शहद में लोह-तत्त्व अधिक होता है| सुबह, शाम भोजन के बाद नींबू के रस में शहद मिलाकर पिएं| दूध में शहद मिला कर भी पी सकते हैं|
17. फुंसियां
आटा (Flour) और शहद को मिला कर, लेई (Paste) बना लें| इसको कपड़े के टुकड़े पर लगाकर फुंसियों पर लगाएं| कोई भी चर्म रोग हो तो शहद की पट्टी बांधने से आराम होता है| दाद, खाज, फोड़े आदि चर्म रोगों में 40 ग्राम शहद 3 ग्राम पानी में मिलाकर प्रात: कुछ महीने पीने से रक्त साफ हो कर लाभ होता है| शहद त्वचा को कोमल बनाता है|
18. खारवां
ऐड़ी फटने, तलुओं में खारवे (वर्षा के पानी से पैरों में खुजली, फुंसियां) होने, पर उंगलियों की त्वचा गलने, नाखून उतर जाने पर तीन-चार बार शहद लगाना चाहिए|
19. विपर्स
पुराने लोगों का कहना है कि विपर्स होने पर बार-बार शुद्ध शहद लगाने से विपर्स ठीक हो जाता है| शहद रक्त साफ करता है नया रक्त बनाता है|
20. विषैले दंश
सियार, कुत्ता, बिच्छू आदि के काटने पर कटे हुए स्थान पर शहद लगाने और आन्त्रिक सेवन से लाभ होता है|
21. शीत दंश
यदि शीत क्षत अंग में लगातार दर्द होता रहे तो उस पर शहद रगड़ें|
22. उलटी, हिचकी
दो चम्मच प्याज के रस में इतना ही शहद मिलाकर चाटने से कै और हिचकी बंद होती हैं| केवल शहद चाटने से भी हिचकी बंद होती हैं|
23. घाव
घावों पर शहद की पट्टी बांधने से आराम होता है| एक भाग पीला मोम, चार भाग शहद की मिलाकर पट्टी बांधें| मोम को गर्म करके शहद मिलाएं, मरहम बन जाएगा| जो घाव ठीक नहीं होते वे इससे ठीक हो जाते हैं|
24. जलना
आग से जले हुए अंगों पर शहद का लेप करने से जलन कम होती है, घाव होने पर भी जब तक ठीक न हो शहद लगाते रहें| घाव ठीक होने पर जले हुए के सफेद दाग बने रहते हैं| इन पर शहद लगाकर पट्टी बांधते रहें| दाग मिट जाएंगे|
25. गठिया
गठिया या संधिवात ग्रस्त लोगों को लम्बे समय तक शहद बहुतायत में खाना चाहिए| इससे बहुत लाभ हो जाता है| जोड़ों का दर्द कम होता है|
26. दीर्घायु
शहद शरीर को ताकतवर और लम्बी आयु प्राप्त करने के लिए लाभदायक है| बूढ़े लोगों के लिए शहद उत्तम भोजन है| यह बुढ़ापे के कष्टों से बचाता है|
27. कब्ज
यह प्राकृतिक हल्का दस्तावर है| प्रात: व रात को सोने से पहले 50 ग्राम शहद ताजा पानी या दूध में मिलाकर पिएं| शहद का पेट पर शामक प्रभाव पड़ता है|
28. कीटाणुनाशक
शहद में पोटेशियम होता है जो रोग के कीटाणुओं का नाश करता है| कीटाणुओं से होने वाले रोग, जैसे टाइफइड (आंत्रज्वर), ब्रान्को निमोनिया आदि अनेक रोगों के कीटाणु शहद से नष्ट हो जाते हैं|
29. डायबिटीज
मधुमेह में मीठा खाने की तीव्र इच्छा होने पर शक्कर के स्थान पर अति अल्प मात्रा में शहद लेकर मूत्र में शक्कर आने, गुर्दे (वृक्क) के पुराने रोगों से बच सकते हैं|
30. काला मोतिया (काले मोतियाबिंद से बचाव)
आंखों के काले मोतियाबिंद एवं शेयों जैसे भयानक रोग से बचने के लिए शहद का उपयोग बड़ा लाभकारी साबित होता है| इसे दोनों समय सलाई से आंखों में लगाएं|
रतौंधी आंखों में काजल की तरह सोते समय शहद लगाने से रतौंधी दूर होती है| इससे दृष्टि-क्षीणता भी दूर हो जाती है|
31. आधा सीसी का दर्द (आधे सिर में दर्द)
यदि सिर दर्द सूर्योदय से शुरू हो, जैसे-जैसे सूर्य ढलने लगे, सिर दर्द बन्द हो जाए, ऐसे आधे सिर के दर्द में जिस और सिर दर्द हो रहा हो उसके दूसरे नथुने में एक बूंद शहद डाल दें, दर्द में आराम हो जाएगा|
32. अनिद्रा रोग
अपने कार्य-व्यापार की चिंताओं और थकावट से जिन्हें नींद नहीं आती| नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर रात को पीने से नींद आ जाती है| नींद खुल जाने पर पुन: दो चम्मच पीने से नींद फिर आ जाती है| नींबू न हो तो पानी के गिलास में ही शहद की एक चम्मच डाल कर पीने से नींद आ जाती है| शहद शरीर पर शामक प्रभाव डालता है| इसलिए निद्रा अच्छी आती है|
33. हाई ब्लड प्रेशर
अतिरक्त दाब (High Blood Pressure) होने पर शहद शरीर पर शामक प्रभाव डालकर रक्तवाहिकाओं की उत्तेजना को घटा कर, उनको सिकोड़ कर अतिरिक्त दाब को घटा देता है|
34. शक्ति, स्फूर्ति के लिए
शहद हर प्रकार के खिलाड़ियों को शक्ति, स्फूर्ति देने एवं थकान दूर करने के लिए उत्तम भोजन है| खिलाड़ियों को चीनी की जगह शहद लेना चाहिए|
35. मोटापा कम करना
मोटापा कम करने के लिए प्रात: शहद को गर्म पानी में मिला कर पिएं|
36. मोटापा बढ़ाना
मोटापा बढ़ाने के लिए शहद नित्य दूध में मिला कर पिएं| इससे शक्ति भी बढ़ती है|
37. पसली का दर्द
थोडा-सा सिन्दूर शहद में मिलाकर साफ कपडे पर लगाकर प्लास्टर बना लें| इसे पसली पर जहां दर्द हो चिपका दें| फिर सेक करें| इससे पसली का दर्द दूर हो जाता है|
38. दर्द के कारण उलटी
कभी-कभी अचानक आधे सिर में तेज दर्द हो जाता है, तो रोगीं दर्द में उलटी तक करता है| उलटी होने पर दर्द बन्द हो जाता है| यह दर्द बार-बार होता रहता है| नित्य भोजन के समय दो चम्मच शहद लेते रहने से दर्द नहीं होता| कभी दर्द हो भी जाए तो उसी समय दो चम्मच शहद ले लेने से ठीक हो जाता है|
39. सौन्दर्यवर्धक
नींबू, शहद बेसन और तिल के तेल का उबटन करने से त्वचा में प्राकृतिक निखार आकर सौन्दर्य बढ़ता है|
40. सूजन
गले में सूजन हो तो एक चम्मच शहद दिन में तीन बार चाटने से लाभ होता है|
41. आवाज का बैठना
गले की आवाज बैठ गई हो तो एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद डाल कर गरारे करने से आवाज खुल जाती है|
42. नींद में रोना
यदि बच्चा नींद में रो उठे तो समझें कि वह बदहजमी से स्वप्न देख रहा है| उसे कुछ दिन शहद चटाएं, बदहजमी दूर होती और नींद में रोना बन्द हो जाएगा|
43. ऐंठन
यदि रोगी बार-बार पलकें झुकाता हो, उसके किसी अंग में झटके लगते हो, तो शहद के सेवन से अंगों की ऐंठन दूर हो जाती है|
44. आन्त्रिक ज्वर
आन्त्रिक ज्वर और निमोनिया-इन रोगों में पाचन अंग भली प्रकार कार्य करने में अयोग्य हो जाते हैं| उबलते हुए पानी के गिलास में शहद डालकर रोगी का गरमागरम पिलाते रहने से आन्त्रिक ज्वर में आंतों पर शामक प्रभाव पड़ता है| और रोगी दुर्बल नहीं होता| रोगी को ठोस भोजन नहीं देना चाहिए| मधु खिलाते रहने से कमजोरी नहीं आती| उपचार भी होता है|
45. लकवा (Paralysis)
लकवा होने पर शरीर में कैल्शियम अधिक देना चाहिए| उबलते हुए एक औंस पानी में शहद की दो चम्मच डालकर कुछ ठंडा होने पर रोगी को पिलाते रहने से कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है| इस प्रकार तीन सप्ताह तक शहद देते रहने से लकवा-ग्रस्त अंग कार्य करने लगते हैं|
46. पीलिया (Jaundice)
नित्य तीन बार एकेक चम्मच शहद को पानी के गिलास में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है
47. रक्त की कमी
रक्त की कमी में दिन में तीन बार शहद पिलाएं|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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