श्री सूर्यनारायण जी की आरती – Shri Suryanarayan Ji Ki Aarti
शनि देव के पिता, सुर्येदेव अत्यन्त तीव्र प्रकाश और आभा के सवरूप माने जाते हैं, इसके अलावा भगवान् सुर्येदेव ही एकमात्र ऐसे देव हैं, जो की साक्षात दिखाई पढ़ते हैं| प्रतिदिन उठ कर इनकी आराधना सबसे पहले की जाती है, अथवा इन्हे जल चढ़ाना बहुत शुभ कारी मना गया है| सूर्य देव के प्रातः दर्शन कर जल चढ़ाने से सफलता, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव जी की प्रसन्न करने के लिए रोज प्रातः उनकी आरती करनी चाहिए।
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श्री सूर्यनारायण जी की आरती इस प्रकार है:
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव |
रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता |
षटपत मन मुदकारी, हे दिनमणि ! ताता |
जग के हे रविदेव,जय जय जय रविदेव
नभमण्डल के वासी,ज्योति प्रकाशक देवा |
निज जनहित सुखरासी, तेरी हमसब सेवा |
करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव |
कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी |
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी
हे सुरवर रविदेव जय जय जय रविदेव