श्री सत्यनारायण जी की आरती – Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti
हिन्दू धर्म में श्री सत्यनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि भक्तिपूर्वक सत्यनारायण जी की कथा और आरती करने वाले जातक के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
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श्री सत्यनारायण जी की आरती इस प्रकार है:
जय श्री लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा |
सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा || जय
रत्त्न जड़ित सिंहासन अदूभुत छवि राजै |
नाद करद निरन्तर घण्टा ध्वनि बाजै || जय
प्रकट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो |
बूढ़ा ब्राह्मण बन के कंचन महल कियो || जय
दुर्बल भील कराल जिन पर कृपा करी |
चन्द्रचूढ़ इक राजा तिनकी विपत हरी || जय
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी |
सो फल भोग्यो प्रभु जी फेर स्तुति कीन्ही || जय
भाव भक्ति के कारण छिन – छिन रूप धरयो |
श्रद्धा धारण कीनी जन को काज सरयो || जय
ग्वाल बाल संग राजा बन में भक्ति करी |
मनवांछित फल दीना दीनदयाल हरी || जय
चढ़त प्रसाद सवाया कदली फल मेवा |
धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा || जय
श्री सत्यनारायण जी की आरती जो कोई गावै |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावै || जय