श्री गांघी जी का भजन – Shri Gandhi Ji ka Bhajan
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आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं, अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो के स्वतंत्रता दिलाई, उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया, वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती, इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया, उनका पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ था|
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श्री गांघी जी का भजन इस प्रकार है:
उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है |
जो जागत है सो पावत है,
जो सोवत है सो खोवत है |
टुक नींद से अंखियाँ खोल जरा,
और अपने प्रभु से ध्यान लगा |
यह प्रति करन की रीत नहीं,
प्रभु जागत है तू सोवत है |
जो कल करना सो आज कर ले,
जो आज करना सो अब कर ले |
जब चिड़ियों ने चुग खेत लिया,
फिर पछ्ताये क्या होवत है |
नादान भुगत करनी अपनी,
अय पापी पाप में चैन कहाँ |
जब पाप की गठरी सीस धरी
फिर सीस पकड़ क्योँ रोवत है |