श्री बाला जी की आरती – Shri Bala Ji Ki Aarti
तिरुमला स्थित भगवान वेकटेश्वर के मंदिर की आरती भी आध्यात्मिक होती है। यह तिरुपति बालाजी के मंदिर के नाम से विश्व में विख्यात है। भगवान वेंकटेश्वर को बालाजी अथवा गोविन्दा के नाम से भी जानते हैं।
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श्री बाला जी की आरती इस प्रकार है:
ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा |
संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा || ॐ
पवन – पुत्र अंजनी – सुत महिमा अति भारी |
दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी || ॐ
बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो |
देवन स्तुति किन्ही तब ही छोड़ दियो || ॐ
कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई |
बाली बली मराय कपीसिंह गदूदी दिलवाई || ॐ
जारि लंक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये |
कारज कठिन सुधारे रधुवर मन भाये || ॐ
शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो |
लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर कियो || ॐ
ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो |
ताहि मारि प्रभु लाये जय जयकार भयो || ॐ
घाटे मेंहदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी |
मंगल और शनिश्चर मेला है जारी || ॐ
श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे |
कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे || ॐ