तोता और बाज – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक बाज कहीं से उड़ता हुआ आया और पेड़ की एक डाल पर बैठ गया| उस डाल पर एक तोता पहले से ही बैठा फल खा रहा था| बाज ने कभी किसी को फल खाते नहीं देखा था| उसने कहा – “ओ तोते, मुझे तुम्हें फल खाते देख कर आश्चर्य हो रहा है| तुम्हारी चोंच तेज और मजबूत है| तुम्हारे तो पंजे भी हैं| फिर क्यों नहीं हमारी तरह मांस और कीड़े-मकोड़े खाते हो? एक बार मांस खाना आरम्भ करोगे तो बहुत शक्तिशाली बन जाओगे|”
तोते ने उसकी बात सुनी, परंतु कोई उत्तर नहीं दिया और वहां से उड़ गया|
एक दिन उस तोते ने उसी बाज को कबूतरों की एक बस्ती के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते देखा| कबूतरों की बस्ती के मालिक ने बाज को देख लिया तथा इसके पहले कि बाज किसी कबूतर पर झपट्टा मार कर उसे उठा ले जाता, उसने बाज को गोली मार दी| बाज वहीं ढेर हो गया|
तोते ने यह देखा और सोचने लगा – ‘अगर बाज फल खाता होता तो उसकी आज यह दुर्दशा नहीं होती!’
शिक्षा: जैसा स्वभाव, वैसे शत्रु|