शाही महाभारत (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर के मन में विचार आया कि आने वाली पीढ़ी को अपने बारे में जानकारी देने के लिए महाभारत की तर्ज पर शाही महाभारत लिखवाई जाए| इसके लिए उन्हें बीरबल ही उपयुक्त लगा| अत: उन्होंने अपनी इच्छा बीरबल को बता दी|
“शाही महाभारत” सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio
“हुजूर, आपकी इच्छा अनुसार शाही महाभारत जल्दी ही तैयार हो जाएगी, किंतु कुछ खर्चा हो जाएगा|” बीरबल ने कहा|
बादशाह अकबर ने बीरबल को शाही खजाने से पांच हजार मुद्राएं तथा छ: माह तक का समय दे दिया|
बीरबल घर आ गया और मुद्राएं जनसेवा के कार्यों में खर्च कर दीं| छ: माह तक वह आराम करता रहा| समय पूरा होने पर वह कुछ सादे कागजों का पुलिंदा बनाकर बादशाह अकबर के सामने हाजिर हुआ और बोला – “जहांपनाह, शाही महाभारत तो तैयार हैं, किंतु कुछ कमी रह गई है, इसके लिए बेगम साहिबा से सलाह लेनी पड़ेगी क्योंकि उन्हीं से संबंधित कुछ चीजें अभी लिखी जानी हैं|”
“बीरबल, तुम बेगम साहिब से मिलकर उनसे जो पूछना चाहो पूछ सकते हो…हमारी इजाजत है|” बादशाह अकबर ने कहा|
बादशाह से इजाजत मिलने पर वह बेगम के कक्ष की ओर प्रस्थान कर गया| वहां पहुंचकर उसने बेगम साहिबा को बादशाह अकबर की शाही महाभारत के बारे में बताया और कहा – “बेगम साहिबा, आप तो जानती हैं कि महाभारत में द्रौपदी के पांच पति थे, अत: अब हुजूर के आदेश पर यह शाही महाभारत लिखी है, किंतु यह तब तक पूरी नहीं हो सकती, जब तक आप यह न बता दें कि बादशाह के अलावा आपके शेष चार पति कौन हैं?”
यह सुनते ही बेगम साहिबा आपे से बाहर हो गईं और बीरबल के हाथों से कागज का पुलिंदा छीनकर उसमें आग लगा दी|
बादशाह अकबर तक जब यह खबर पहुंची तो खूब हंसे और बीरबल से बोले – “मैं जानता हूं कि तुमने कोई शाही महाभारत लिखी ही नहीं थी, और तुमने पांच हजार मुद्राएं भी जनसेवा में खर्च करीं, किंतु अपनी बुद्धिमानी से इस बार भी तुम बाजी जीत गए|”
“हुजूर! आप कहें तो मैं पुन: शाही महाभारत लिखने की कोशिश करूं|” बीरबल ने मुस्कराते हुए कहा|
“नहीं, अब नहीं, जाओ दरबार का काम देखो, छह महीने से सबकुछ अस्त-व्यस्त पड़ा है|” अकबर ने उत्तर दिया|