राजा शेर की सत्यता
एक सिंह का शावक युवा हो गया| तब उसने जाना कि शेर जंगल का राजा होता है| उसने इसकी सत्यता जाननी चाही| वह अपनी माँद से निकला, गरजा और भागते हुए जानवरों को देख प्रसन्न हो गया|
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वह आगे बढ़ा| उसे एक बन्दर मिला| युवा शेर ने पूछा, “जंगल का राजा कौन है?”
“शेर महाराज!” बन्दर ने सीधा उत्तर दिया|
कुछ गज आगे चलने पर एक भालू मिला|युवा शेर ने उससे पूछा, “जंगल का राजा कौन है?”
“शेर महाराज|” भालू का उत्त्तर स्पष्ट था|
युवा शेर प्रसन्नचित आगे बढ़ा| उसे हिरण और घोड़े मिले| युवा शेर का प्रश्न भी वही था और उसे उत्तर भी वही मिला|
फिर मिला हाथी| युवा शेर ने उसे पुकारा, गरजा भी, मगर हाथी पर असर नहीं हुआ| वह हाथी के निकट गया और जोर से पूछा, “जंगल का राजा कौन है?”
हाथी घुमा, सूड़ से युवा शेर को पकड़ा और दूर फेंक दिया| युवा शेर को चोट अवश्य आयी, मगर युवा सिंह बोला, “अगर उत्तर नहीं जानते, तब वही कहो न! गुस्सा क्यों करते हो?
यह कहकर युवा शेर उठा और वहाँ से दूर चला गया|