न पक्षी न जानवर
पक्षी और जानवर भिन्न जाति और स्वभाव के प्राणी हैं| कुछ पक्षी कुछ जानवरों को खा जाते हैं और कुछ जानवर पक्षियों का भक्षण करते है| यह भी आश्चर्य ही है कि अधिकांश एक-सा भोजन करते हैं| इसलिए कुछ मित्र हैं और कुछ शत्रु| उनमें लड़ाई चलती रहती है, किन्तु एक बार उनमें युद्ध छिड़ गया| पक्षियों में सर्वाधिक नुकसान बत्तखों का हुआ और जानवरों में सबसे अधिक हानि खरहे और चूहों को हुई|
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चमगादड़ तटस्थ रहे| चूँकि वे उड़ सकते हैं, इसलिए पक्षियों ने न्योता दिया, किन्तु उन्होंने नकार दिया और कहा कि उनके पंख नहीं होते| जब जानवरों का निमंत्र्ण मिला, तब यह कहकर टाल दिया कि वे पक्षी हैं, क्योंकि उड़ सकते हैं|
वे न पक्षी रहे न जानवर| चूँकि जीवन की बहुत क्षति हुई थी, अतः जानवरों और पक्षियों में संधि हो गयी| युद्ध समाप्त हुआ| फिर विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई| चमगादड़ो पर भी बातें हुई| उनसे दोनों पक्ष नाराज थे| फलतः दोनों ने उन पर एक साथ आक्रमण कर दिया| चमगादड़ भागे और खण्डहरों तथा अँधेरे स्थानों में शरण ली| तब से वे दिन में बहार नहीं निकलते| रात्रि में ही भोजन खोजते हैं तथा पक्षी और जानवर दोनों को खाते है|