मानव की समस्याएँ
एक समय एक हाथी ने एक आदमी का पीछा करना आरम्भ कर दिया| परेशान आदमी भागा, मगर हाथी निकट आता जा रहा था| आदमी ने एक सूखे कुएँ को देखा| उसमें छलाँग लगा दी| तभी नीचे घुमते हुए सर्पों पर दृष्टि गयी| पीपल की एक मोटी डाली निकट थी| आदमी ने उसे पकड़ लिया|
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हाथी कुँए तक आ गया और अपनी सूँड़ से उसे पकड़ने की चेष्टा करने लगा| जब उस आदमी ने हाथी की ओर देखा, तब पाया कि एक सफेद और एक काला, दो चूहे उस डाली को ही काट रहे है| आदमी परेशान हो गया|
वह हर ओर से समस्याओं से घिरा था| हाथी जैसी समस्याएँ, सर्प जैसी मृत्यु और चूहों जैसे बीतते दिन-रत| बेचने का कोई मार्ग न था| फिर भी उसे जीना चाहता था, क्योंकि धैर्य रूपी पेड़ उसका सहायता था|
तभी उसे मधुमक्खियों का एक छत्ता दिखायी पड़ा, जिससे बूँद-बूँद मधु चू रहा था| निकट के एक पत्ते पर उसने उस मधु को चाट लिया| अब जीवन-रूपी मधु पाकर वह प्रसन्न था|