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कुत्ते की वफादारी

अनातो एक सीधा-सादा, भोला-भाला किसान था | वह अपनी पैतृक जमीन पर खेती करने में सारा दिन बिता देता था, शाम को घर आकर भोजन खाकर से जाता था |

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अनातो के पास एक कुत्ता था, जिसका नाम था सिंगर | अनातो सिंगर को बहुत प्यार करता था | उसे अपने साथ खेत पर ले जाता था और शाम को अपने साथ घर लेकर आता था | सिंगर ही उसका सच्चा साथी था |

अनातो का एक पड़ोसी था शैन्टो | वह सिंगर से बहुत जलता था | सिंगर अक्सर शैन्टो के घर के अहाते में अथवा दरवाजे के पास गंदा कर आता था | शैन्टो यदि सिंगर को अपने अहाते में आते देख लेता, टो डंडा लेकर सिंगर के पीछे दौड़ता था | सिंगर शैन्टो को खूब इधर-उधर दौड़ता रहता था |

अनातो ने सिंगर को तब से पाला था जब वह मुश्किल से पन्द्रह दिन का था | अत: वह सिंगर की हर जरूरत को पहचानता था | सिंगर भी अनातो की बात अच्छी तरह समझता था | अनातो कभी-कभी सिंगर के साथ खेलता भी था | उसके साथ दौड़ लगाने में सिंगर को बहुत आनंद आता था |

एक दिन अनातो शाम को भोजन कर रहा था | अचानक सिंगर को क्या सूझी कि वह जोर-जोर से भौंकने लगा | अनातो ने सिंगर को चुप कराने का प्रयास किया, परन्तु सिंगर और जोर से भौंकने लगा | उसने अनातो का कुर्ता पकड़ लिया और उसे घर के पिछवाड़े की ओर खींचने लगा | अनातो को लगा कि शायद पिछवाड़े के आंगन में सिंगर कुछ दिखाना चाहता है |

अनातो वहां पहुंच गया तब भी सिंगर भौंकता रहा | सिंगर पिछवाड़े के अमरूद के पेड़ के पास जमीन खोदने लगा | अनातो को कुछ समझ में नहीं आ रहा था | वह भीतर से फावड़ा ले आया | लेकिन मिट्टी खोदने पर वहां कुछ दिखाई नहीं दिया | वह भीतर जाने लगा तभी सिंगर पुन: अनातो को खींचने लगा |

अनातो ने देखा कि सिंगर उसी जगह और मिट्टी खोदने के प्रयास में लगा है | अनातो ने पुन: वहां खोदना शुरू किया तो अचानक उसका फावड़ा एक पीतल के मटके से जा टकराया | अनातो ने देखा कि मटके में सोने की अशर्फियां भरीं थीं | अनातो वहां से अशर्फियां निकालता गया और ढेरों आशर्फियां निकलती गईं |

अनातो की खुशी से बांछें खिल गईं | वह सोचने लगा कि अब वह बड़ा-सा मकान खरीदेगा और विवाह करके अपना घर बसाएगा | वह सिंगर को प्यार करते हुए उसको सहलाने लगा | सिंगर कूद-कूद कर अपनी खुशी प्रकट कर रहा था |

इसके पश्चात् अनातो उन अशर्फियों को बक्से में बंद कर सुरक्षित स्थान पर रखकर सो गया | परंतु सुबह जब अनातो उठा तो देखा कि दरवाजे पर शैन्टो खड़ा था | न जाने उसे कैसे सिंगर की होशियारी और खजाने का पता लग गया था ?

शैन्टो बोला – “मुबारक हो यार, तुम्हारे सिंगर ने तो कमाल कर दिया | कृपया अपने सिंगर को दो दिन के लिए मुझे दे दो | मैं भी खजाना ढूंढ़ना चाहता हूं |”

अनातो शैन्टो की बात सुनकर हत्प्रभ रह गया | परंतु वह शैन्टो को सिंगर को नहीं देना चाहता था | वह जानता था कि शैन्टो सिंगर से प्यार नहीं घृणा करता है | उसने बहाना बनाते हुए कहा – ” भैया तुम मेरे अच्छे पड़ोसी के साथ-साथ मित्र भी हो, इसलिए मैं तुम्हें किसी चीज को मना नहीं करना चाहता | परंतु तुम जानते हो कि सिंगर तुम्हें और तुम सिंगर को पसन्द नहीं करते | यदि तुम्हारी किस्मत में खजाना होगा तो अवश्य मिल जाएगा |”

परंतु शैन्टो को खजाना पाने की लालसा थी, अत: वह बोला – “कोई बात नहीं, मैं जानता हूं कि सिंगर तुम्हारा प्यारा कुत्ता है | मैं दो दिन उसे संभाल ही लूंगा |”

अब अनातो शैन्टो को मना न कर सका और शैन्टो सिंगर को डोरी से बांध कर अपने घर ले गया | अब शैन्टो बार-बार सिंगर को जमीन सुंघाने की कोशिश करने लगा | लेकिन कुत्ता कभी भी किसी के कहने पर कोई जगह या जमीन नहीं सूंघता | इस कारण सिंगर बार-बार वहां से हटने का प्रयास करने लगा | शैन्टो सिंगर को जबरदस्ती अपने आंगन के पेड़ के पास ले गया और उसका मुंह जमीन पर रगड़ दिया ताकि वहां सूंघ कर जमीन खोदने लगे | परंतु उसके साथ जबरदस्ती होने के कारण सिंगर को क्रोध आ गया और वह भौंकने लगा |

शैन्टो ने क्रोध में आकर उसे पेड़ से बांध दिया और शाम तक भोजन नहीं दिया | शाम को जब शैन्टो आया तो सिंगर बहुत उदास बैठा था | शैन्टो ने पुन: सिंगर को घर के कोनों में व घर के आस-पास सुंघाने का प्रयास किया परंतु सिंगर क्रोध में गुर्राने लगा और अपने घर जाने का प्रयास करने लगा |

शैन्टो ने क्रोध में आकर सिंगर को जोर से डंडा दे मारा | सिंगर चिल्लाते हुए गिर पड़ा और मर गया | अब शैन्टो डर गया कि अनातो को क्या जवाब देगा ? उसने चुपचाप घर के पीछे पहाड़ी के पास एक पेड़ के नीचे सिंगर को दफना दिया |

दो दिन बाद अनातो सिंगर को लेने आया तो शैन्टो बोला – “अरे यार, तुम्हारा कुत्ता कमाल का होशियार है | मेरा भाई गांव से आया था, उसे सिंगर बहुत पसंद आया और अपने साथ ले गया |”

“यह कैसे हो सकता है ? तुमने मेरे सिंगर को मुझसे पूछे बिना किसी और को कैसे दे दिया ? मुझे अपने भाई का पता दे दो, मैं खुद जाकर सिंगर को ले आऊंगा |”

अब शैन्टो को कोई बहाना नहीं सूझ रहा था | वह बात बनाते हुए बोला – “मेरा भाई उसे हमेशा के लिए थोड़े ही ले गया है | एक हफ्ते में वापस ले आएगा |”

अनातो मन मार कर वहां से चला गया और एक-एक दिन गिन कर काटने लगा | छह दिन बीतते ही सातवें दिन वह शैन्टो के पास पहुंचा और सिंगर को मांगने लगा | परंतु शैन्टो ने बहाना बना दिया कि शायद वह एक-दो दिन में आएगा | इस तरह टालते-टालते शैन्टो ने पन्द्रह दिन निकाल दिए |

अनातो सिंगर के लिए पागल हुआ जा रहा था, क्योंकि इस बीच उसका रिश्ता तय हो गया था और तीन-चार दिन में ही उसकी शादी होने वाली थी | वह शैन्टो के पास क्रोधित होते हुए गया और बोला – “देखो, मैं सिंगर के बिना विवाह नहीं कर सकता | परसों मेरा विवाह है, तुम जल्दी से सिंगर को लेकर आओ |”

शैन्टो बोला – “मैं सिंगर को कहां से लाऊं, वह तो मर गया |”

अनातो के क्रोध का पारावार न रहा, वह बोला – “क्या बकते हो ? कहां है मेरा सिंगर, जल्दी बताओ ?”

शैन्टो ने सारी घटना ज्यों की त्यों बता दी | अब अनातो बहुत दुखी होकर चला गया और अपने रिश्तेदारों से कहने लगा – “मैं विवाह नहीं करना चाहता |”

सबने अनातो को समझाया – “देखो भाई नियति को कौन टाल सकता है ? अब तो उसकी यादें तुम्हारे साथ हैं | तुम विवाह करो और सुख से जीवन बिताओ |”

अनातो ने विवाह में शैन्टो को नहीं बुलाया और विवाह सम्पन्न हो गया | अनातो विवाह के पश्चात भी उदास था | उसकी पत्नी मंगला अपने पति की भावनाओं को समझती थी, वह बोली – “मैं जानती हूं कि सिंगर तुम्हारा प्यारा कुत्ता था, चलो हम वहां जाकर पुष्प चढ़ा कर आते हैं, जहां शैन्टो ने सिंगर को दफनाया था |”

अनातो को मंगला की बात जंच गई | वे वहां पहुंचे तो देखा कि वहां एक छोटा-सा विचित्र पौधा निकल आया है, जहा शैन्टो ने सिंगर को दफनाया था |

उस स्थान पर फूल चढ़ाने के पश्चात मंगला बोली – “मैं सोचती हूं कि यह पौधा सिंगर का प्रतिरूप है | यह पौधा उखाड़ कर हमें अपने आंगन में लगा लेना चाहिए ताकि यह हमें सिंगर की याद दिलाता रहे |”

अनातो ने सोचा कि यह ठीक रहेगा | उसने उस पौधे को बहुत सावधानीपूर्वक निकालकर अपने आंगन में लगा दिया | पौधा दो वर्ष के भीतर ही पूरा पेड़ बन गया | उस पर विचित्र प्रकार के फूल व पत्तियां निकलते थे | इस बीच अनातो एक पुत्र का पिता बन गया |

एक दिन अनातो का पुत्र बीमार था | वह वैद्य से दवा दिला कर लाया, परंतु कोई लाभ नहीं हुआ | एक दिन पुत्र ने खेलते-खेलते उस वृक्ष का फूल खा लिया | उसी दिन पुत्र एकदम स्वस्थ हो गया | अनातो को पहले तो यकीन नहीं हुआ, परंतु बड़ी हैरानी हुई कि सिंगर मर कर भी उनकी सहायता कर रहा था |

धीरे-धीरे लोगों में यह खबर फैल गई कि अनातो के घर का पेड़ करामाती है | उसकी पत्तियां व फूल खाने से तरह-तरह की बीमारियां ठीक हो जाती है | शैन्टो ने सोचा कि इसका लाभ उठाया जाए और एक दिन चुपचाप उस पेड़ की बड़ी टहनी काट लाया | वह गली-मोहल्ले में जाकर उन्हें बेचने लगा |

नगर के राजा ने यह खबर सुनी तो अनातो को बुलवा भेजा | राजा ने कहा कि यह पेड़ हमें दे दो | हम तुम्हें मुंहमांगी कीमत देंगे | अनातो इसके लिए राजी नहीं हुआ | परंतु वह उस पेड़ की कुछ पत्तियां तोड़कर लाया था, वह राजा को दे दीं | राजा ने वह पत्तियां अपने बीमार पुत्र को खिलाईं तो उसके पुत्र की बीमारी दूर हो गई |

राजा ने इसके बदले अनातो को धन देना चाहा परंतु उसने यह कह कर मना कर दिया कि वह अपने प्यारे पेड़ का मोल नहीं लगाना चाहता | वह अपने प्यारे सिंगर-पेड़ से लोगों की सेवा करना चाहता है | राजा ने अनातो की सच्चाई व ईमानदारी देखकर उसे अपने दरबार में ऊंचे ओहदे पर नियुक्त कर दिया |

शैन्टो अनातो से ईर्ष्यावश जला जा रहा था | उसकी बेची हुई पत्तियों से लोगों की बीमारी बढ़ने लगी | लोग शिकायत लेकर राजा के पास पहुंचे | राजा ने बेईमान शैन्टो को कारागार में डाल दिया |

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