जिरहबख्तर की मजबूती (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर को अपनी फौज के लिए कुछ जिरहबख्तर की आवश्यकता थी| अत: उन्होंने इसके कारीगर को बुलवाया और पहले एक जिरहबख्तर बनाने का आदेश दिया ताकि उसकी मजबूती को परखा जा सके|
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कुछ दिनों बाद कारीगर बख्तर बनाकर ले आया| अकबर ने बख्तर एक पुतले को पहनाया और अपनी तलवार से उस पर वार किया वार करते ही बख्तर फट गया| यह देखकर अकबर क्रोधित हो गए और अपना सारा क्रोध उस कारीगर पर उतारते हुए बोले – “इतने कमजोर बख्तर बनाते हो तुम, जाओ दूसरा बख्तर बनाकर लाओ और यदि वह भी ऐसा ही निकला तो तुम्हारी खैर नहीं|”
कारीगर लौट आया किन्तु बादशाह के हुक्म के कारण वह परेशान हो उठा| उसे लगा कि अब उसकी जान बचना मुश्किल है| काफी सोच-विचार के बाद उसने बीरबल से सलाह लेने का विचार किया और सारी बातें बीरबल को बता दीं|
“तुम चिन्ता मत करो, बादशाह के हुक्म का पालन करो और दूसरा बख्तर बनाकर लाओ और जब बादशाह उसे किसी पुतले को पहनाकर परखने लगें तो तुम कहना कि इसकी परख तुम्हारे ऊपर ही होगी| बख्तर को तुम स्वयं पहन लेना, डरना बिल्कुल भी नहीं और जब बादशाह स्वयं या कोई सिपाही तुम पर वार करने लगे तो इतनी जोर से चिल्लाना कि वार करने वाला वार ही न कर पाए और जब बादशाह चिल्लाने का कारण पूछें तो कहना कि इस बख्तर को पहनने के बाद कोई भी मानव साधारण नहीं रह जाता| उसमें इतनी शक्ति आ जाती है कि कोई उस पर वार कर ही नहीं सकता|” बीरबल ने कारीगर को अच्छी तरह से समझाया|
बीरबल के कहे अनुसार कारीगर ने दूसरा बख्तर बनाया और उसे लेकर दरबार में पेश हो गया| बादशाह अकबर जब उस बख्तर को परखने के लिए पुतले पर चढ़ाने लगे तो कारीगर ने उसे स्वयं पहनकर परखने को कहा| कारीगर ने बख्तर पहन लिया| अकबर के आदेश पर एक सिपाही उस पर हमला करने जैसे ही आगे बढ़ा, कारीगर इतना जोर से चिल्लाया कि सिपाही डर कर वहीं रुक गया|
जब बादशाह अकबर ने इसका कारण पूछा तो कारीगर ने बीरबल द्वारा बताया गया कारण बता दिया|
बादशाह अकबर समझ गए कि इस युक्ति के पीछे किसका दिमाग काम कर रहा है| वह बीरबल की ओर देखकर मुस्करा दिए|