Homeशिक्षाप्रद कथाएँहरिश्चंद्र काशी नगरी में

हरिश्चंद्र काशी नगरी में

हरिश्चंद्र काशी नगरी में

अयोध्या का परित्याग करने के बाद राजा हरिश्चंद्र विचार करने लगे कि कहां जाएं, क्योंकि सारा राज्य तो उन्होंने दान में दिया है| तभी उन्हें काशी नगरी का स्मरण हो आया| उन्होंने सोचा कि ‘काशी नगरी तो भगवान शंकर की राजधानी है|

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दयामयी माँ अन्नपूर्णा देवी वंहा सभी की खोज खबर रखती हैं| इसलिए वहीँ  चलना चाहिए| उन्होंने ऐसा निश्चय कर लिया|

कई दिनों का मार्ग तय करके राजा हरिश्चंद्र अपनी पत्नी शैव्या और पुत्र रोहिताश्व के साथ काशी नगरी में पहुंचे| उनके पैरों में छालें पड़ गयें थे और उनसे खून बह रहा था| कपड़े मैले-कुचैले हो गए थे|भूख और प्यास के कारण उनकी आंखे अंदर धंस गई थी|

परन्तु राजा ने इस कठिन समय में भी अपना धैर्य नहीं छोड़ा| वे जानते थे कि विपत्ति में ही धर्म और धैर्य की परीक्षा होती है|