धोखे की सजा
एक बार एक गधे और लोमड़ी में मित्रता हो गयी| वे बराबर साथ देखे जाते| गधे उसे कभी चूजे दिखा देता और लोमड़ी उसे हरा-भरा खेत दिखाती| एक दिन उन्होंने एक शेर को देख लिया| गधे ने पहले देखा और भय से कांपने लगा| लोमड़ी ने उसे सुरक्षा का आश्वासन दिया|
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शेर से जाकर लोमड़ी ने कहा, “अगर मुझे आप छोड़ दें, तब मैं गधे को फँसा दूँ|” शेर ने हामी भरी|
फिर लोमड़ी गधे से बोली, “शेर ने हमें छोड़ देना स्वीकार कर लिया है| लेकिन उसका मन बदल सकता है| तबतक हम उस गड्ढे में छिप जाते हैं|” लोमड़ी के यह कहते ही गधा गड्ढे में प्रवेश कर गया|
लोमड़ी ने जाकर शेर से कहा, मैंने अपनी बात पूरी कर दी| क्या अब मै जाऊं?” शेर बोला, “नहीं, तुमने मित्र को धोका दिया है| तुम्हे इसकी सजा मिलेगी ही|” और उसने लोमड़ी को पहले मारा|