छह प्याले शराब (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर वैसे तो शराब के शौकीन नहीं थे किंतु बढ़ती उम्र के साथ वे शराब कुछ अधिक मात्रा में ही पीने लगे थे|
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बादशाह अकबर की इस आदत से उनकी बेगम परेशान थीं| उन्होंने बीरबल से इस संबंध में बात की तो बीरबल ने उन्हें निश्चिंत किया कि कुछ दिनों में सब ठीक हो जाएगा|
अगले दिन बीरबल ने बादशाह अकबर के सामने शराब की बोतल कुछ इस तरह अपने दुशाले में छिपाई कि बादशाह अकबर यह देख पाएं कि कुछ छिपाया है, किंतु उन्हें यह पता न चले कि क्या छिपाया जा रहा है| सबकुछ योजना के अनुसार ही हुआ| बादशाह अकबर ने बीरबल को कुछ छिपाते हुए देखकर पूछा – “बीरबल, दुशाले में क्या छिपा कर ले जा रहे हो?”
“हुजूर, कुछ भी नहीं है|”
“किंतु तुमने कुछ तो छिपाया ही है|”
“तोता है… हुजूर|”
“सच बताओ बीरबल, क्या छिपा रहे हो?” इस बार बादशाह अकबर कुछ क्रोधित होकर बोले|
“हुजूर, घोड़ा है|”
बादशाह अकबर की नाराजगी और बढ़ गई… और अधिक गुस्से से बोले – “देखो बीरबल, मुझे मजाक पसंद नहीं है सच बताओ क्या छिपा रखा है?”
“हुजूर अब की बार सच कह रहा हूं…हाथी है|” बीरबल ने सहजता से जवाब दिया|
यह सुनकर अकबर झुंझला उठे और पैर पटककर बोले – “बीरबल लगता तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, सच बताओ क्या है वरना…?”
“हुजूर, सच कह रहा हूं, गधा है|”
“आखिर तुम चाहते क्या हो, बता क्यों नहीं रहे कि क्या छिपा रखा है?” अकबर ने अपने गुस्से को काबू में करते हुए कहा|
इस बार बीरबल ने कोई जवाब नहीं दिया अपितु दुशाले से शराब की बोतल निकाल कर बादशाह अकबर के सामने रख दी|
शराब की बोतल देखकर बादशाह अकबर हैरान हो गए और बीरबल से पूछा-“यह क्या मजाक है, क्या तुमने भी शराब पी रखी है, जो उल्टे-सीधे जवाब दे रहे हो?”
“हुजूर मैं शराब नहीं पीता और मेरे जवाब भी एकदम सही थे|”
“क्या मतलब?”
“हुजूर के पहली बार पूछने पर मैंने कहा कुछ नहीं है, क्योंकि एक प्याला शराब पीने के बाद इंसान को कुछ नहीं होता| दूसरी बार मैंने कहा तोता है, अर्थात दूसरा प्याला पीने के बाद इंसान तोते की तरह एक ही बात बार-बार बोलता है| तीसरी बार मैंने घोड़ा कहा था क्योंकि तीन प्याले शराब पीने के बाद इंसान घोड़े की तरह बहक जाता है; और चौथी बार हाथी कहने का मतलब यह है कि चार प्याले पीने के बाद इंसान मस्त हाथी की तरह हो जाता है; और पांचवीं बार गधा कहने से अभिप्राय यह है कि पांच प्याले शराब पीने के बाद इंसान गधे की तरह हरकतें करने लगता है| छठी बार पूछने पर मैंने आपके सामने शराब की बोतल रख दी क्योंकि छ: प्याले शराब पीने के बाद तो इंसान अपनी सुध-बुध ही खो बैठता है|”
बीरबल की बातें सुनकर बादशाह अकबर को महसूस हुआ कि शराब वाकई बुरी चीज है| उस दिन के बाद से बादशाह ने शराब पीनी छोड़ दी और इसके लिए उन्होंने बीरबल का हार्दिक धन्यवाद भी दिया|