बुद्धिमान (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा – “बीरबल, किसी ऐसे व्यक्ति को मेरे सामने पेश करो जो सबसे अधिक बुद्धिमान हो?”
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“हुजूर के हुक्म का पालन होगा|” बीरबल ने जवाब दिया|
अगले दिन प्रात: उसने गाय चराते हुए एक ग्वाले को पकड़ा और उसे समझा-बुझाकर दरबार में अकबर के सामने पेश कर दिया और कहा – “हुजूर, आपके हुक्म की तामील पर मैं इस व्यक्ति को लाया हूं, यह बहुत ही बुद्धिमान है, आप चाहें तो परख सकते हैं|”
बादशाह अकबर ने उसे परखने के लिए कुछ सवाल पूछे किन्तु वह हाथ जोड़े चुपचाप खड़ा रहा| यह देखकर अकबर क्रोध से बीरबल से बोले – “यह तुम किसे पकड़ लाए हो, यह तो किसी बात का जवाब ही नहीं दे रहा|”
“हुजूर, यही तो इसकी बुद्धिमत्ता है, इसने अपने बुजुर्गों से सुना है कि राजा तथा अपने से अधिक बुद्धिमान व्यक्ति के सामने चुप रहना चाहिए, इसलिए यह आपके सामने चुप है|” बीरबल ने जवाब दिया|
बादशाह अकबर सारी बात समझ गए| उन्होंने ग्वाले को उचित इनाम देकर महल से विदा किया|