बुद्धिमान

एक चरवाहे का बेटा चीमो हर रोज अपनी भेड़ें चराने के लिए मैदान में जाया करता था | वह रोज सुबह भेड़ों को लेकर हरे-भरे मैदानों की ओर चल पड़ता था | सूरज डूबने से पहले ही वह घर को वापस चल देता था |

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एक दिन वह मैदान में बैठा कुछ सोच रहा था कि अचानक जोर से उछल पड़ा | उसने अपनी फर की टोपी जोर से हवा में उछाल दी |

टोपी हवा में उछल कर उधर से गुजर रहे घोड़े के मुंह पर जा गिरी | अचानक टोपी गिरने से घोड़ा बिदक गया और अपनी पिछली टांगों पर खड़ा हो गया | घोड़े के अगले पैर ऊपर उठ जाने से घुड़सवार खेत में जा गिरा |

इस घोड़े पर सवार युवक शहर के बड़े व्यापारी का बेटा था | वह सज-धज कर पिता के काम से कहीं जा रहा था |

युवक को बहुत जोर का क्रोध आ गया | वह कपड़े झाड़कर खड़ा हो गया और चिल्लाकर चरवाहे के लड़के से बोला – “ऐ लड़के, तुम्हें जरा भी अक्ल नहीं | तुमने मेरे घोड़े को डरा दिया और मुझे गिरा दिया |”

चीमो बोला – “मैंने तो खुशी में टोपी उछाली थी मुझे क्या पता था कि यह घोड़े के पास गिरेगी और घोड़ा डर जाएगा |”

“ऐसी क्या खुशी मिल गई तुम्हें | जरा हमें भी तो बताओ और अगर मुझे चोट लग जाती तो तुम्हारी खैर नहीं थी |” युवक बोला |

चीमो बोला – “मेरे पिता ने मुझसे एक सवाल पूछा था मैंने उसका उत्तर ढूंढ़ लिया है |”

“ऐसा क्या सवाल था ?”

“सवाल यह था कि वह चीज है जो आदमी से ऊंची है, लेकिन मुर्गी से छोटी |”

“भला ऐसी क्या चीज हो सकती है ?”

“तो क्या इसका उत्तर आपको भी नहीं मालूम |”

“मालूम तो है पर तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं |” युवक ने चतुराई से कहा |

चीमो बोला – “वह चीज टोपी है | यह मनुष्य के सिर पर रहकर मनुष्य से ऊंची रहती है, परंतु जमीन पर रख दो तो मुर्गी से भी छोटी बन जाती है |”

युवक चीमो की बात सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ | वह बोला – “काफी होशियार जान पड़ते हो | यदि तुमने मेरा एक काम कर दिया तो में तुम्हें ढेर-सा इनाम दूंगा | कल मैं लौटते वक्त तुम्हारे पास आऊंगा | तुम मेरे लिए एक ऐसी भेड़ का इंतजाम करके रखना, जो न काली हो, न भूरी हो, न सफेद हो और न ही चितकबरी हो |”

यह कहकर वह युवक वहां से चला गया | चीमो उसके जाने के बाद सोचता रहा |

अगले दिन चीमो अपनी भेड़ चरा रहा था | तभी फल वाला युवक अपने घोड़े पर सवार आया और बोला – “लड़के क्या तुमने मेरे लिए मेरी मनपसन्द भेड़ लाकर रखी है |”

चीमो बोला – “आपकी मनपसन्द भेड़ मेरे घर पर है | आप उसे किसी को भेज कर मंगवा सकते हैं | परंतु ध्यान रखिएगा कि जो व्यक्ति लेने आए वह न रविवार को आए, न सोमवार या मंगल को न बुद्ध या बृहस्पति को, न शुक्र या शनिवार को दिन में आए न रात्रि में |”

चीमो की बात सुनकर युवक जोर से हंसा और बोला – “मैं तुम्हारी बुद्धिमत्ता से खुश हुआ | यह सोने की पांच अशर्फियां तुम्हारा इनाम है | यदि तुम कभी कोई नौकरी करना चाहो तो मेरे पास चले आना |”

यह कर कर युवक ने अपना पता चीमो को दे दिया और घोड़े पर सवार होकर घोड़ा दौड़ाता हुआ चला गया |