भेड़िये का धैर्य
एक बार एक भेड़िया कुछ भेड़ों को खाना चाहता था, जिनकी रखवाली एक सतर्क गड़ेरिया करता था| भेड़िये ने योजना बनायी| वह उस मैदान के निकट थोड़ी दूर पर जाकर बैठने लगा| गड़ेरिये ने देखा, किन्तु भेड़िया दूर था|
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गड़ेरिये ने भेड़िये को तब भगाने का निश्चय किया, जब भेड़िया भेड़ों की ओर बढ़े| भेड़िये ने धैर्य दिखाया| उसने भेड़ों को मरने का प्रयत्न नहीं किया|
अब यह नियम बन गया| दिन बीतते गये| गड़ेरिया भेड़िये की तरफ से निश्चिन्त हो गया| एक दिन उस गड़ेरिये को झपकी आ गयी| भेड़िये ने एक मेमने को पकड़ा, और छिपा दिया| फिर अपनी जगह बैठ गया| गड़ेरिये यह न जान सका कि एक भेड़ गायब है|
कुछ दिनों तक यह सिलसिला चला| एक दिन गड़ेरिये ने भेड़ो को गिना| चार कम थे| वह भेडियो को मारने चला मगर सतर्क भेड़िया भाग गया| गड़ेरिया अपने को ही कोसता वापस लौटा|