Homeशिक्षाप्रद कथाएँबादशाह हंस पड़े (बादशाह अकबर और बीरबल)

बादशाह हंस पड़े (बादशाह अकबर और बीरबल)

कभी-कभी बादशाह अकबर दरबार में जब हंसी-मजाक के मूड में होते तो उल-जलूल सवाल पूछ लिया करते थे| इसी कड़ी में एक दिन बादशाह ने कहा – “आज मेरा हंसने का बहुत मन कर रहा है, अगर कोई मुझे हंसा देगा तो मैं उसे सौ मोहरें इनाम में दूंगा लेकिन अगर नहीं हंसा पाया तो पचास मोहरें के तौर पर देनी होंगी|”

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कई दरबारियों ने बादशाह को एक से एक चुटकले सुनाए… पर बादशाह न हंसे, बेचारे हर्जाना भरकर बैठ गए| तब बीरबल आगे आकर बादशाह के कान में बोला – “हुजूर, अब हंस भी दीजिए…नहीं तो पेट में गुदगुदी कर दूंगा|”

पेट में गुदगुदी के नाम से ही बादशाह अकबर की हंसी छूट गई|

सभी दरबारी हैरानी से बादशाह अकबर और बीरबल को देखने लगे|